Doctors and West Bengal Government Meetings Ends in Deadlock TMC Accuses Opponents of Spreading Chaos | पश्चिम बंगाल: डॉक्टरों के साथ ममता सरकार की बैठक फिर बेनतीजा, TMC बोली
Doctors and West Bengal Government Meeting: पश्चिम बंगाल के 12 चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच सोमवार (14 अक्टूबर, 2024) को स्वास्थ्य भवन में हुई अहम बैठक बेनतीजा रहीं. TMC नेता कुणाल घोष ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों की बैठक पर कहा, “वे नहीं चाहते कि मामला सुलझे. वे अराजकता और अव्यवस्था फैलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. कुछ चेहरे सक्रिय रूप से वामपंथी और अति वामपंथी हैं. उनकी पहली मांग थी कि उन्हें कोलकाता पुलिस नहीं सीबीआई चाहिए लेकिन 24 घंटे के भीतर ही मुख्य आरोपी को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.”
कुणाल घोष ने कहा, “जब हाई कोर्ट ने सीबीआई को केस सौंपा तो उन्होंने इसका स्वागत किया. अब सीबीआई की पहली चार्जशीट दायर करने के बाद वे कह रहे हैं कि उन्हें उसपर भरोसा नहीं है, यह क्या चल रहा है? पहले उन्हें कोलकाता पुलिस पर भरोसा नहीं था, उन्हें स्वास्थ्य प्रशासन पर भरोसा नहीं था, अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई पर भरोसा नहीं है. यह उनकी राजनीति है. वे राज्य सरकार और टीएमसी को घेरने के लिए यह सब कर रहे हैं.”
स्वास्थ्य सचिव की गैरहाजिरी पर उठते सवाल
सूत्रों के अनुसार, चिकित्सकों के प्रतिनिधियों ने बैठक में स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया. उन्होंने पंत से आग्रह किया कि अनशन पर बैठे कनिष्ठ चिकित्सकों से सीधे जाकर बातचीत करें. सरकार के सूत्रों ने कहा कि निगम मंगलवार (15 अक्टूबर, 2024) को आरजी कर अस्पताल और कॉलेज मामले पर उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई में शामिल होने के लिए नई दिल्ली गए हैं.
पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ कौशिक चाकी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “बैठक बेनतीजा रही. हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह किसी अधिकारी को अनशन पर बैठे युवा चिकित्सकों से बातचीत के लिए भेजे और उच्चतम दर्जे वाले अधिकारी को तरजीह दी जाए. हालांकि, मुख्य सचिव ने संकेत दिया कि वह कोई समयसीमा नहीं बता सकते.”
’10 में से 7 मांगों को किया जा चुका है पूरा’
संवाददाताओं से बातचीत में पंत ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया था कि कनिष्ठ सहकर्मियों को तत्काल भूख हड़ताल खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करें. पंत ने कहा, “हमने विस्तार से बातचीत की जो लगभग ढाई घंटे तक चली. कई चिंताएं उठाई गईं और हमने उनका संज्ञान लिया. कनिष्ठ चिकित्सकों की मांगों के संबंध में हमने विस्तार से चर्चा की. 10 मांगों में से सात को पूरा किया जा चुका है.”
उन्होंने कहा, “बाकी तीन मांगों के लिए, वे विशिष्ट समयसीमा का अनुरोध कर रहे थे. ये प्रशासनिक फैसला है जिन पर राज्य को विचार करने की जरूरत है, इसलिए हम इस समय कोई समयसीमा नहीं दे सकते. हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हमने उनके मुद्दों और शिकायतों पर ध्यान दिया है. हमने उनसे आग्रह किया कि वे जूनियर चिकित्सकों को उनकी भूख हड़ताल वापस लेने के लिए राजी करें, क्योंकि हम उनके स्वास्थ्य और कुशलता के बारे में चिंतित हैं.” बैठक में मुख्य सचिव के साथ गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती और राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थे.
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