DMRC Ad Row TMC MP Mahua Moitra Slams DMRC On Breast Cancer Advertisement says They are not Oranges
DMRC Breast Cancer Ad Controversy: दिल्ली मेट्रो के कोच में स्तन कैंसर जागरूकता विज्ञापन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस विज्ञापन को मेट्रो कोच से हटा दिया गया है. इस एड को स्तन कैंसर के लिए हर महीने खुद से टेस्ट करने को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया था. हालांकि इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना था, लेकिन शब्दों और इसकी पेशकश ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद चर्चा को जन्म दे दिया.
मामले पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वो स्तन हैं संतरे नहीं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने दिल्ली मेट्रो को टैग करते हुए लिखा, “यह B-R-E-A-S-T-S है, स्तन. कृपया इसे जोर से बोलें. आपकी मां के पास ये हैं, आपकी पत्नी के पास, आपकी बहन के पास, आपकी बेटी के पास. तकनीकी रूप से आपके पास भी एक जोड़ी है. अगर आपने ध्यान नहीं दिया है तो वे संतरे नहीं हैं.”
सोशल मीडिया पर आईं कड़ी प्रतिक्रियाएं
एक्स पर एक यूजर ने इस अभियान की आलोचना की और पूछा कि क्या ‘हम स्तनों को वह नाम भी नहीं दे सकते जो वे हैं.’ उन्होंने टिप्पणी की, “अगर हम स्तनों को सीधे नाम भी नहीं दे सकते तो कोई देश स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता कैसे बढ़ाएगा? यह शर्मनाक और शर्मनाक है.”
Hello @OfficialDMRC – that’s B-R-E-A-S-T-S , breasts. Say it aloud please. Your mom has them, your wife, your sister, your daughter. Technically you have a pair too. They’re NOT oranges in case you haven’t noticed. pic.twitter.com/XRBx0RdkGi
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 24, 2024
डीएमआरसी ने हटाया विज्ञापन
व्यापक आलोचना के बाद, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मेट्रो ट्रेनों से स्तन कैंसर जागरूकता विज्ञापन को हटाने की घोषणा की. एक बयान में कहा, “यह दिल्ली मेट्रो ट्रेन के अंदर प्रदर्शित स्तन कैंसर जागरूकता विज्ञापन से संबंधित है. डीएमआरसी अधिकारियों ने सामग्री को अनुचित माना और तुरंत मामले को संबोधित किया.” कॉर्पोरेशन ने नोट किया कि विज्ञापन केवल एक ट्रेन में प्रदर्शित किया गया था और इसे बुधवार, 23 अक्टूबर, 2024 को शाम 7:45 बजे तक हटा लिया गया था.
क्या है मामला?
स्तन कैंसर जागरूकता विज्ञापन क्रिकेटर युवराज सिंह के एनजीओ यूवीकैन फाउंडेशन की ओर से चलाए जा रहे अभियान का एक हिस्सा था. इसमें स्तनों को “संतरे” के रूप में संदर्भित करने के लिए जनता की ओर से इसकी आलोचना की गई.
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