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Digital Transformation And Infrastructure Our Priorities Says G20 Sherpa Amitabh Kant – डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, बुनियादी ढांचा हमारी प्राथमिकताएं: G20 शेरपा अमिताभ कांत


भारत का हर एक नागरिक किसी न किसी तरीके से G20 में शामिल- G20 शेरपा अमिताभ कांत

खास बातें

  • दुनिया चुनौतियों से भरी है, लेकिन भारत उन्हें एक अवसर के रूप में देखता है
  • विदेश नीति और कूटनीति भारत के हर एक घर तक पहुंची
  • हमने लगभग 4 करोड़ घर बनाए हैं…

नई दिल्‍ली:

भारत में जी20 शिखर सम्‍मेलन को लेकर अमिताभ कांत का कहना है कि देश में प्रतिष्ठित समूह की अध्यक्षता के लिए एक सकारात्मक, महत्वाकांक्षी एजेंडा रखा है, जबकि दुनिया चुनौतियों से भरी है, लेकिन भारत उन्हें एक अवसर के रूप में देखता है. NDTV कॉन्क्लेव में जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि अपनी अध्यक्षता और अगले महीने जी20 बैठक के दौरान भारत की प्राथमिकताएं डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, बुनियादी ढांचे के निर्माण और महिला नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित होंगी.

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जी20 को भारत के हर एक राज्य में ले गए

जी20 शेरपा ने कहा “जी20 के दौरान हमारी महत्वाकांक्षा, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है- समावेशी, निर्णायक, महत्वाकांक्षी और कार्य-उन्मुख होनी है. अधिकांश देशों में, जी20 एक शहर या दो शहरों में आयोजित किया जाता है. फुटबॉल विश्व कप के विपरीत कतर हो या क्रिकेट विश्व कप, जी20 साल भर चलता है. इसलिए, हमने इस अवसर का उपयोग जी20 को भारत के हर एक राज्य में ले जाने के लिए किया.”

2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की उम्‍मीद

अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने 60 से अधिक शहरों को कवर किया है और इस अवसर का उपयोग उन स्थानों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया गया. भारत का हर एक नागरिक किसी न किसी तरीके से G20 में शामिल है और पहली बार, विदेश नीति और कूटनीति भारत के हर एक घर तक पहुंची है. राष्ट्रपति पद की मेजबानी ऐसे समय में की जा रही है, जब भारत दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. और 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की उम्‍मीद है.” 

हमने 55,000 किमी सड़क बनाई है…

भारत की कुछ उपलब्धियां गिनाते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि पिछले सात से आठ वर्षों में बहुत कुछ किया गया है. उन्‍होंने कहा, “हमने लगभग 40 मिलियन घर बनाए हैं, जो प्रत्येक ऑस्ट्रेलियाई के लिए एक घर बनाने जैसा है. हमने लगभग 110 मिलियन शौचालय बनाए हैं, जो जर्मनी के प्रत्येक नागरिक के लिए शौचालय बनाने जैसा है. हमने 223 मिलियन पाइप जल कनेक्शन प्रदान किए हैं, जो ब्राजील के प्रत्येक नागरिक को जल कनेक्शन प्रदान करने जैसा है. हमने 55,000 किमी सड़क बनाई है. कोरोना महामारी के दौरान, हमने भारत के 2.2 अरब लोगों को लगभग कागज रहित, कोविड टीकाकरण प्रदान किया है. जैसा कि बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने कहा है- भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कहानी, हम लगभग 46% वास्तविक त्वरित भुगतान करते हैं. अमेरिका और यूरोप जितना करते हैं, हम उसका 11 गुना करते हैं, चीन जितना करता है, हम उसका 4 गुना करते हैं. हमने सात साल में जो हासिल किया है, वो भारत ने 50 साल में जो हासिल किया होगा, उसके बराबर है.”

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