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Dhirendra Shastri Explain Which Type Of Muslims not Trouble For India As He Remember Incidence Of Sisters Marriage


Dhirendra Shastri On Muslims: बागेश्वर धाम वाले बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हिंदुत्व को लेकर दिए बयान मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरते हैं. मुसलमानों को लेकर मुखर रहने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को भी एक बार अपने मुसलमान मित्र से मदद लेनी पड़ गई थी. इस बात का खुलासा उन्होंने एबीपी न्यूज के साथ हुई बातचीत में किया.

एबीपी न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी के साथ हुई खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वो मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अमानवीय काम करने वाले मुसलमानों के खिलाफ हैं. दरअसल, उनसे सवाल किया गया कि जब आप कहते हैं कि महाकुंभ में मुसलमानों को दुकानें नहीं लगानी चाहिए. इस पर  ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब आपकी बहन की शादी के लिए पैसे नहीं थे तो आपने मुसलमान दोस्त से पैसे लेकर विवाह कराया.

जानिए धीरेंद्र शास्त्री ने क्या दिया जवाब

उन्होंने कहा, “हां बिल्कुल सही बात है हमने मुस्लिम दोस्त से पैसे लिए थे. हमारी मित्रतता है. हम हमेशा से कहते आए हैं कि हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं. हमारी मित्रतता है और हमने उनको भी दिए. हमने कभी नहीं कहा कि वो मुसलमान है, वो हमारा मित्र है. मित्र तो मित्र होता है. हां वो कोई अमानवीय कृत्य करते, अगर वो आतंकवादी वाली भाषा बोलते, अगर उन्हें वंदे मातरम के नारे से दिक्कत होती और वो जय फिलिस्तीन के नारे लगाते तो वो सोने के भी होते तब हम उनकी तरफ निगाह उठाकर नहीं देखते.”

हिंदू बोर्ड की कर रहे मांग

इससे पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वक्फ बोर्ड हो सकता है तो हिंदू बोर्ड क्यों नहीं हो सकता है? उन्होंने छतरपुर में अपने अनुयायियों के सामने कहा कि हमें सूचना मिली कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जैन बोर्ड की चर्चा की है. ऐसे में भारत सरकार से चाहेंगे कि जब देश में वक्फ बोर्ड हो सकता है तो सनातन हिंदू बोर्ड क्यों नहीं हो सकता है?

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि षड़यंत्र और प्रपंच रचने वाले सभी ताकतों पर रोक लगाकर हिंदू बोर्ड बनाए जाने की हम पूर्ण रूप से मांग कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं की सहनशीलता देखकर हमारा खून उबाल मार रहा है कि हम लोगों के सामने कुछ लोग कितने बड़े-बड़े प्रपंच रच रहे हैं.

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