DGP Appointment Case Supreme Court sent notice to Central Government and seven states
Supreme Court On DGP Appointment Case: सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी की स्थायी नियुक्ति में आदेश की अवहेलना को लेकर 7 राज्यों को नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश लागू करने और दो वर्ष के निश्चित कार्यकाल के लिए नियमित नियुक्ति किए जाने की मांग पर केंद्र और सात राज्यों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बंगाल, झारखंड व चंडीगड़ को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा है.
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार 30 सितंबर को वकील सावित्री पांडे की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किए. अधिवक्ता सावित्री पांडे ने याचिका में कोर्ट से 22 सितंबर 2006 के पुलिस सुधार फैसले के दिशा-निर्देश लागू करने की मांग के साथ डीजीपी की स्थायी नियुक्ति के निर्देशों का कई राज्यों द्वारा पालन न किए जाने का आरोप लगाया है. कुछ राज्य नियमित नियुक्ति के निर्देश की अवहेलना कर रहे हैं. कार्यकाल पूरा होने के पहले ही या तो उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाता है या किसी अन्य विभाग और पद पर नियुक्ति कर दी जाती है.
याचिकाकर्ता की तरफ से की गई मांगें
याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसे राज्य स्थायी डीजीपी नियुक्ति के सुप्रीम कोर्ट के फैसले और यूपीएससी की गाइड लाइन का पालन करें. साथ ही आदेश दिया जाए कि वे कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति न करें. विशिष्ट परिस्थितियों में बहुत जरूरी होने पर ही कार्यवाहक या अस्थायी डीजीपी नियुक्ति करें. पुलिस सुधार फैसले में कोर्ट ने कहा था कि डीजीपी की नियुक्ति से पहले राज्य सरकारें यूपीएससी से परामर्श करेंगी. जिसमें वर्तमान डीजीपी की सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले योग्य लोगों के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाएगा. योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के मुताबिक डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए यूपीएससी तीन नामों का पैनल तैयार करेगा. राज्य सरकार पैनल से एक की नियुक्ति करेगी. चाहे रिटायरमेंट की तिथि कुछ भी क्यों न हो, नियुक्ति कम से कम दो वर्ष के लिए होगी.
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