Devkinandan Thakur Sanatan Sant Sansad on February 25 For Mathura krishna Janmabhoomi
Devkinandan Thakur on Mathura: अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि (krishna Janmabhoomi) को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर लोगों की नजरें टिकी हुई है. संत समाज भी चाहता है कि इसे लेकर जल्द से जल्द कोई रणनीति बने. संत समाज और धर्माचार्यों ने दिल्ली में 25 फरवरी को ‘सनातन संत संसद’ का आयोजन किया है. आध्यात्मिक गुरू देवकीनंदन ठाकुर ने बताया कि हम 25 फरवरी को ‘सनातन संत संसद’ का आयोजन कर रहे हैं.
देवकीनंदन ठाकुर (Devkinandan Thakur) ने कहा कि 25 फरवरी को इस संसद के आयोजन का एकमात्र मकसद जनता के साथ बैठकर ये समझना है कि हम सभी के साथ क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये भारतीय संस्कृति और सनातन का पुनर्जागरण का काल है. अब श्रीराम मंदिर के बाद देश में एक सवाल उभर कर सामने आया है कि अयोध्या के बाद आगे क्या?
‘सनातन संत संसद’ का आयोजन
देवकीनंदन ठाकुर ने आगे कहा कि ‘सनातन संत संसद’ में हम प्लान करेंगे कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का निर्माण कैसे हो सकेगा. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि आप इस मंदिर को लेकर हमारा साथ दीजिए. इसके साथ ही सभी दलों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि वो बताएं कि वो हमारे लिए क्या सहयोग कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए कोशिशों को तेज करने की जरूरत है.
मुझे बीजेपी का प्रवक्ता कहते हैं-ठाकुर
आध्यात्मिक गुरू देवकीनंदन ठाकुर ने ये भी कहा कि बहुत से लोग मुझे बीजेपी का प्रवक्ता कहते हैं, लेकिन ये सोच गलत है. मैं ‘सनातन’ का प्रचारक हूं. मैं बीजेपी को धन्यवाद देता हूं क्योंकि उन्होंने राम मंदिर बनाया. उन्होंने कहा कि हमारे भारत देश की पहचान सनातन धर्म, संस्कृति और संस्कारों से है. भारत के प्राचीन मूल्यों का अस्तित्व सनातन, संस्कृति और संस्कारों में निहित है. कई सालों के लंबे इंतजार के बाद यह स्वर्णिम वक्त हमलोगों के सामने आया है, जब सनातन धर्म को उसका वास्तविक मान-सम्मान देश में राजनैतिक स्तर से भी मिल रहा है.
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