Deputy CM Eknath Shinde reads poem in Vidhan Parishad amid Kunal Kamra Controversy ANN
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में विरोधियों को आत्ममंथन करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जनता के न्यायालय में यह निर्णय लिया गया है कि ‘गद्दार’ कौन है और ‘खुद्दार’ कौन है. आईने में देख कर किसी का वंश नहीं बताया जा सकता. उनका यह बयान उद्धव ठाकरे गुट पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है. शिंदे ने यह भी कहा कि चाहे कितनी भी सुपारी देकर बदनामी की मुहिम चलाई जाए, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उनका ये बयान स्डैंटअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवाद के बीच भी आया.
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने पढ़ी कविता
एकनाथ शिंदे ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वाले विरोधियों ने महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान कई लोगों की अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर रोक लगाई.” उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा, “तुम लाख कोशिशें कर लो हमें गिराने की, हम ना बिखरेंगे कभी, उलटा दुगनी रफ्तार से निखरेंगे.”
‘दुश्मनी मोल लेने से पहले अपना कद बढ़ाओ’
डिप्टी सीएम ने कहा, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता. यदि हम उस तक नहीं पहुंच सके तो हमें क्या नीचे गिरा देगा? हमसे दुश्मनी मोल लेने से पहले अपना कद बढ़ाओ. यदि समानता होगी तो प्रतिस्पर्धा मज़ेदार होगी. सबसे पहले, सोच-विचार कर बड़ा बनो. तुममें से कुछ लोग अहंकार में डूबे हुए हो, अब सुधर जाओ मेरे प्यारे. आप गद्दार-गद्दार कहते रहिए, लेकिन जनता ने तय कर लिया है कि कौन गद्दार है और कौन देशद्रोही, इसलिए आप आईने में देखकर अपनी विरासत नहीं बता सकते.”
‘कुछ पाखंडी आगे बढ़ रहे हैं और…’
एकनाथ शिंदे ने कहा, “कुछ पाखंडी आगे बढ़ रहे हैं और कुछ पाखंडी समर्थन ले रहे हैं. लेकिन आपके विरोधी जो रोज कर रहे हैं, रोज ये लोग संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, आप एक उंगली दिखाते हैं 4 उंगली आपके सामने है.”