delhi power crisis raised in assembly data says 27 lakh times power cut druing Arvind kejriwal tenure ann
Delhi Political News: दिल्ली सरकार ने हाल ही में जारी आंकड़ों में बताया कि पिछले 10 सालों में राजधानी में कुल 2,72,137 बार बिजली कटौती हुई. इससे लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. औसतन हर दिन 75 बार बिजली गुल होने की घटनाएं दर्ज की गईं. पिछले 10 सालों में दिल्ली में बिजली कटौती की स्थिति चिंताजनक रही है. 2015 में 31,285 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली गुल रही, जो 2016 में बढ़कर 37,799 घंटे हो गई.
2017 और 2018 में यह 35,507 और 33,486 बार दर्ज की गई. 2019 में कटौती की संख्या घटकर 26,588 रह गई, लेकिन इसके बावजूद यह समस्या बनी रही. 2020 और 2021 में 23,100 और 21,005 बार, तो वहीं 2022 और 2023 में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन फिर भी 22,987 और 22,061 बार बिजली गुल हुई. 2024 में 18,319. कुल मिलाकर, पिछले 10 सालों में 2,72,137 बार बिजली गई, जिससे यह साबित होता है कि प्रतिदिन औसतन 75 बार पावर कट हुआ.
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद का पलटवार
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद (Ashish Sood) ने AAP और नेता प्रतिपक्ष आतिशी (Atishi) के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पावर कट को जबरन मुद्दा बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठे और फेक अकाउंट्स के जरिए सोशल मीडिया पर ट्वीट कराकर भ्रम फैला रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 सालों में दिल्ली में 2 लाख से ज्यादा बार बिजली गई, जिससे यह साफ पता चलता है कि औसतन हर दिन 75 बार पावर कट हुए हैं.
AAP ने बिजली विभाग को जर्जर स्थिति में छोड़ा- सूद
मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पिछली सरकार ने बिजली विभाग को जर्जर हालत में छोड़ दिया था. ट्रांसफार्मर में तेल भरना, तारों की मरम्मत करना और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना जरूरी है. गर्मियों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए समर एक्शन प्लान पर काम किया जा रहा है. मरम्मत कार्य के कारण ही कुछ इलाकों में पावर कट देखने को मिल रहे हैं.
किन इलाकों में सबसे ज्यादा समस्या?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रिठाला, मुस्तफाबाद, करावल नगर, संगम विहार, द्वारका और नरेला में बिजली कटौती सबसे अधिक होती है. गर्मियों में इन इलाकों में कई बार रातभर बिजली नहीं आती, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बिजली कटौती का असर स्कूलों, दफ्तरों और अस्पतालों पर भी पड़ता है. गर्मी में एसी और पंखे बंद होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पानी की आपूर्ति भी प्रभावित होती है क्योंकि मोटर नहीं चल पाती. बिजली कंपनियों का दावा है कि टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जा रहा है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में बिजली कटौती के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं.
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा आप के कार्यकाल में बिजली कटौती से छात्रों, दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई. देशबंधु कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लास और परीक्षाओं के दौरान परेशानी हुई. वहीं, कालकाजी पुलिस स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों ने शिकायत की कि रात में बिजली जाने से उनकी सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है.
हम हर संभव प्रयास कर रहे- मंत्री
जब ऊर्जा मंत्री आशीष सूद से सवाल पूछा गया कि क्या दिल्ली की सरकार और बिजली कंपनियां इस समस्या का कोई स्थायी समाधान निकाल पाएंगी? या राजधानी के लोग ऐसे ही बिजली संकट से जूझते रहेंगे? तो उन्होंने कहा हम सभी ट्रांसफार्मर और तारों को ठीक कर रहे है. हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि बिजली विभाग इस तरीके से कम करें ताकि दिल्ली की जनता को गर्मी के दिनों में 24 घंटे बिजली दी जा सके. जो पावर कट की समस्या आ रही है उसे आने वाले दिनों में पूरी तरह से निजात मिल सके.