Delhi Police filed case against teacher for beating first class NCD School student
Delhi Crime News: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के श्री राम कॉलोनी स्थित नगर निगम स्कूल में पहली कक्षा के एक छात्र की पिटाई के मामले में तूल पकड़ लिया है. दिल्ली पुलिस ने छात्र की पिटाई करने के आरोप में एक शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक शिक्षक द्वारा पिटाई किए जाने से बच्चे के कान में अंदरूनी रक्तस्राव हो गया था.
दिल्ली पुलिस के अनुसार यह घटना 17 फरवरी 2025 को हुई थी, लेकिन एक दिन बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई. दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि छात्र को जेपीसी अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि उसके छात्र के कान में आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था.
दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने आगे बताया कि छात्र की मां ने फिलहाल पति के मौजूद न होने का हवाला देते हुए बयान देने से इनकार कर दिया. महिला का पति अभी बिहार में है. फिलहाल, पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले की जांच में जुटी है.
छात्र की पिटाई को लेकर क्या कहता है कानून?
दरअसल, इंडिया में अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने पर रोक है. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 में बच्चों से संबंधित कई शर्तें हैं. वहीं, नेशनल कमीशन फार प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सजा को समाप्त करने के निर्देश हैं.
बच्चे को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर आरटीआई की धारा 17(1) में सजा का प्रावधान है. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 82 के तहत अगर किसी के खिलाफ छात्रों की पिटाई का आरोप साबित होता है तो उसे 5 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है. अगर बच्चा मानसिक बीमारी का शिकार हो गया है तो 3 से 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
CBSE और NCPCR की गाइडलाइंस के तहत फिजिकल पनिशमेंट देने पर शिक्षक को 10 हजार रुपए का जुर्माना, क्राइम दोहराने पर 3 महीने की जेल की सजा या निलंबन सहित स्कूल पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. आईपीसी की धाराओं के तहत सात साल तक की सजा का प्रावधान है.