Delhi Online fraudsters duped 30 thousand people Rs 500 crores promising best profits Delhi Police ann
Delhi Online Fraud: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने महज एक मोबाइल एप के माध्यम से इस वारदात को अंजाम देने में सफल रहा. आरोपियों ने इन्वेस्टमेंट पर मोटा मुनाफा का झांसा देकर देश भर के 30 हजार लोगों से 500 करोड़ रुपये की ठगी की.
अब इस मामले में पुलिस ने तमिलनाडु के मास्टरमाईंड को गिरफ्तार कर पूरे गोरखधंधे का खुलासा किया है. पुलिस ने उसके चार बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान जे. शिवराम के रूप में हुई है. पुलिस इजीबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हाईबॉक्स नाम का एक मोबाइल एप विकसित किया, जिसके माध्यम से इन्वेस्टमेंट पर 1 से 5 प्रतिशत तक दैनिक और 30 से 90 प्रतिशत तक मासिक रिटर्न का वादा निवेशकों से किया गया.
लोगों को इस फर्जी एप के माध्यम से निवेश करने के लिए प्रेरित करने के लिए कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स जैसे सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, पुरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित उर्फ क्रेजी एक्सवाईजे और दिलराज सिंह रावत उर्फ इंडियन हैकर आदि की मदद ली. जिन्होंने हाईबॉक्स एप्लिकेशन को प्रमोट किया.
मुनाफा तो दूर, मूलधन भी नहीं मिला
पीड़ितों का कहना है कि मोटा मुनाफा और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के प्रभाव में आकर उन्होंने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई उस एप के माध्यम से निवेश किया. मुनाफा तो दूर उनका मूलधन भी उन्हें वापस नहीं मिला और जब वे नोएडा स्थित उसके ऑफिस पहुंचे तो उन्हें ऑफिस के बंद हो जाने का पता चला.
पुलिस ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत के आधार पर 20 अगस्त को स्पेशल सेल थाने में मामला दर्ज कर एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और मामले की छानबीन शुरू की गई.
बैंक खातों से चला मास्टरमाईंड का पता
शुरूआती जांच में टीम को उत्तर-पूर्व जिले की 30, शाहदरा जिले की 24 और बाहरी जिले की 35 और शिकायतें मिलीं. एनसीआरपी पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी के 488 और मामले भी लिंक किए गए हैं. अपराध की गंभीरता और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका को देखते हुए टीम ने धोखाधड़ी में शामिल पेमेंट गेटवे और बैंक खातों का विवरण हासिल किया. जांच के दौरान पता चला कि इजीबज और फोनपे का उपयोग धोखाधड़ी के रुपये को अन्य खातों तक पहुुंचाने में किया गया.
पुलिस ने ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के रुपये निकालने के लिए किया गया था. खाताधारक जे. शिवराम की पहचान के बाद उसके ठिकानों पर छापेमारी कर पुलिस ने उसे दबोच लिया.इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुटी हुई है. इसके साथियों का पता कर उन्हें भी गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है.
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