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Rekha Gupta Challenges as Delhi CM: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर एक बार फिर सबको चौंका दिया है. रेखा गुप्ता का शपथग्रहण गुरुवार (20 फरवरी) को रामलीला मैदान में होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ के बाद बीजेपी के सामने अपने वादों को पूरा करने की चुनौती होगी. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा तो यमुना की सफाई का है. इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक और महिलाओं के खाते में ढाई हजार रुपये भेजना भी रेखा सरकार के लिए एक चुनौती होगी क्योंकि इनमें दिल्ली का बजट आड़े आएगा.
दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने जिन मुद्दों को जोरशोर से उठाया उनमें यमुना की फुलप्रूफ सफाई, महिलाओं के खाते में हर महीने 2500 रुपये, गैरआधिकारिक कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर जांच के आदेश, गर्मी में पानी की किल्लत से निपटना, आयुष्मान भारत योजना को लागू करना और मोहल्ला क्लीनिक के कायाकल्प शामिल हैं. पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन्हीं मुद्दों के सहारे बीजेपी सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई.
चुनावों में छाया रहा यमुना की सफाई का मुद्दा
चुनावों में सबसे ज्यादा अगर कोई मुद्दा बना तो वो था यमुना की सफाई का. पीएम मोदी ने भी जितनी सभाएं दिल्ली में कीं, उनमें यमुना की सफाई को लेकर लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर रहे. यहां तक कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यमुना के लिए अलग फंड बनाने का वादा भी किया था. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र के सहयोग से साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर दिल्ली में भी यमुना का रिवर फ्रंट बनाने का काम किया जाएगा. जब दिल्ली में जीत के बाद पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो उन्होंने कहा था कि मां यमुना हमारी आस्था का केंद्र है, लेकिन दिल्ली की AAP-दा ने आस्था का अपमान किया. इतना ही नहीं जब चुनाव में हार के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास अपना इस्तीफा सौंपने गई थीं, उस समय भी एलजी ने उनसे कहा था कि आपको यमुना मैया का श्राप लगा है.
BJP बदलेगी मोहल्ला क्लीनिक का नाम?
जब आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में बनी थी, उसने मोहल्ला क्लीनिक के जरिए आम लोगों को घर के करीब ही बेहतर इलाज देने की शुरुआत की थी. AAP सरकार ने करीब एक हजार मोहल्ला क्लीनिक खोलने के वादे किए, लेकिन 10 सालों में 545 मोहल्ला क्लीनिक बन पाए. हालांकि बीजेपी ने इसे करप्शन का सेंटर बताते हुए पहले इसे बंद करने की मांग की थी तो अब इसका नाम बदलकर नए सिरे से शुरू करने का प्लान बनाया है.
महिलाओं के खाते में 2500 रुपये भेजना
वैसे तो बीजेपी फ्रीबीज के विरोध में खड़ी हुई दिखाई देती थी, लेकिन एमपी-महाराष्ट्र के चुनाव में इसके असर के बाद बीजेपी भी अब जमकर खर्च करती है. पहले एमपी में लाड़ली बहना योजना और फिर महाराष्ट्र में लाडकी बहना योजना के बाद अब दिल्ली में भी बीजेपी ने महिलाओं के खाते में 2500 रुपये भेजने का वादा किया था. सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा था कि महिलाओं के खाते में जल्दी ही रुपये पहुंचेंगे, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं होगा क्योंकि फ्रीबीज की वजह से दिल्ली का बजट पहले से ही चरमराया हुआ है.
दिल्ली में बीजेपी ने मुख्यमंत्री तो चुन लिया है और विकास के लिए प्लान ऑफ एक्शन के तहत 100 दिनों का समय भी तय कर लिया है. अब देखना होगा कि 26 साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी इन चुनौतियों से कैसे निपटती है.