Delhi Metro police arrested 4 people for spreading panic by prank video at rajeev chowk kidnapping ann
Delhi News: सोशल मीडिया पर व्यूज के लिए किया गया प्रैंक कभी-कभी इतना भारी पड़ जाता है कि जेल का रास्ता दिखा देता है. दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से एक बच्चे के अपहरण का वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसने शहर में हड़कंप मचा दिया.
इस वीडियो में दावा किया गया था कि दिनदहाड़े एक बच्चे का अपहरण हो गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली मेट्रो पुलिस ने त्वरित जांच शुरू की और जल्द ही इस पूरे घटनाक्रम को एक प्रैंक (Prank) यानी मजाक करार दिया.
कैसे खुला मामले का राज ?
25 मार्च 2025 को वायरल हुए इस वीडियो ने आम जनता और मेट्रो यात्रियों में भय का माहौल पैदा कर दिया. दिल्ली पुलिस के मेट्रो विंग ने तत्काल जांच शुरू की और राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. जांच में पता चला कि किसी भी तरह के अपहरण की घटना स्टेशन पर नहीं हुई थी.
टीम ने सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहराई से जांच की और वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति को 28 मार्च 2025 को ट्रेस किया. पूछताछ में सामने आया कि यह वीडियो 19 मार्च को प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर चार युवकों सूरज, पंकज, अभिषेक और साकिर द्वारा शूट किया गया था.
वीडियो में दिख रहा बच्चा अपहरण का शिकार नहीं था, बल्कि वीडियो बनाने वाले में से एक युवक का भतीजा था. सोशल मीडिया पर व्यूज पाने के लिए किया प्रैंक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने यह वीडियो केवल सोशल मीडिया पर व्यूज और लाइक्स पाने के लिए बनाया था. वीडियो को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था, लेकिन जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, तो इसे हटा दिया गया.
चारों आरोपियों पर कानूनी शिकंजा
दिल्ली मेट्रो पुलिस ने इस भ्रामक वीडियो के कारण जनता में दहशत फैलाने और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में चारों युवकों के खिलाफ मेट्रो रेलवे (संचालन एवं रखरखाव) अधिनियम, 2002 की धारा 59 के तहत मामला दर्ज किया है.
दिल्ली पुलिस की सख्त चेतावनी
दिल्ली मेट्रो पुलिस के डीसीपी हरेश्वर वी. स्वामी ने कहा कि इस तरह के झूठे वीडियो न केवल लोगों में अफवाह फैलाते हैं, बल्कि मेट्रो यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को भी बाधित करते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.