Delhi Liquor Policy Case : ED Raids BRS Leader Kavithas House, Know How Her Name Came In Case – BRS नेता के कविता के घर ED की छापेमारी, जानें- कैसे आया उनका दिल्ली शराब नीति केस में नाम
ईडी के मुताबिक, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ ही इस मामले में साउथ ग्रुप के सारथ रेड्डी, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और के कविता शामिल थे, जिनका प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबू ने किया था.
2021-22 की यह शराब नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण रूप से 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत लाभ मार्जिन के साथ लाई गई थी. 12 प्रतिशत मार्जिन में से 6 प्रतिशत थोक विक्रेताओं से AAP के नेताओं को रिश्वत के रूप में वापस वसूल किया जाना था.
100 करोड़ की रिश्वत एडवांस में देने का आरोप
ईडी के मुताबिक साउथ ग्रुप ने AAP नेता विजय नायर को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत एडवांस में दी थी. इस एडवांस घूस के बदले में विजय नायर ने साउथ ग्रुप को थोक कारोबार में हिस्सेदारी सुनिश्चित की क्योंकि दिल्ली शराब कारोबार में उनकी कोई पकड़ नहीं थी. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें शराब पॉलिसी के अनुसार अनुमति से अधिक कई खुदरा लाइसेंस रखने की अनुमति दी गई और उन्हें अन्य अनुचित लाभ दिए गए.
साउथ ग्रुप के साथ हिस्सेदारी साझा करने वाली संस्थाओं में से एक समीर महेंद्रू की इंडो स्पिरिट्स है. समीर महेंद्रू ने साउथ ग्रुप के अरुण पिल्लई और प्रेम राहुल मंदुरी को दी गई 65 फीसदी साझेदारी के साथ इस फर्म का गठन किया. इस फर्म में के कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और राघव मगुंटा पार्टनर थे.
अरुण पिल्लई और प्रेम राहुल द्वारा किए गए नाममात्र के निवेश उनके वास्तविक निवेशकों से जुड़े हुए हैं.
नायर पर सिसोदिया के लिए काम करने का आरोप
विजय नायर ने समीर महेंद्रू से इन लोगों को साझेदारी का हिस्सा देने के लिए कहा था और यह सुनिश्चित किया कि पेरनोड रिकार्ड का थोक व्यवसाय इंडो स्पिरिट्स को दिया जाए.
आरोप है कि विजय नायर मनीष सिसोदिया की ओर से काम कर रहे थे, इसका खुलासा अरुण पिल्लई ने अपने बयान में भी किया है. वो इंडोस्पिरिट्स में के कविता का प्रतिनिधि था.
2 फरवरी, 2023 को बुचीबाबू ने कहा कि इस सौदे में हवाला चैनलों के माध्यम से भुगतान की गई कुल राशि लगभग 100 करोड़ रुपये थी.
दो साल में 10 फोन का इस्तेमाल
के कविता ने 2021 और 2022 में कम से कम दस फोन का इस्तेमाल किया. संदेह है कि यह डिजिटल सबूतों को नष्ट करने और जांच को पटरी से उतारने के लिए किया गया था. ईडी के मुताबिक वह घोटाले में सक्रिय भागीदार थी और उसने अपने सहयोगियों अरुण पिल्लई, बाबू और अन्य को रिश्वत देकर व्यापार करने के तरीके के बारे में बताया था.
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