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Delhi High Court Said Night Shelters Cannot Operate Permanently In Public Parks – रैन बसेरे सार्वजनिक पार्कों में स्थायी रूप से संचालित नहीं हो सकते: दिल्ली हाईकोर्ट


रैन बसेरे सार्वजनिक पार्कों में स्थायी रूप से संचालित नहीं हो सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि रैन बसेरे सार्वजनिक पार्क में स्थायी रूप से संचालित नहीं हो सकते हैं.उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से कहा कि वह दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से जामा मस्जिद के पास उर्दू पार्क में कब्जा की गई जगह को खाली करने के लिए कहे. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सार्वजनिक पार्क में रैन बसेरा सिर्फ ‘अस्थायी’ हो सकता है, अन्यथा सारा हरित क्षेत्र नष्ट हो जाएगा.

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पीठ ने एमसीडी के वकील से कहा, “उन्हें बताएं कि आपने इसे सीमित समय के लिए दिया है. उन्हें बताएं कि उन्हें वैकल्पिक स्थान ढूंढ़ना होगा. (वे) सार्वजनिक पार्क पर कब्जा नहीं कर सकते हैं. उन्हें रैन बसेरा खाली करने के लिए लिखें. उन्हें बताएं कि आपको हरे-भरे स्थान की आवश्यकता है.” पीठ में न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा भी हैं. उच्च न्यायालय पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के आसपास सार्वजनिक पार्कों में अतिक्रमण पर मोहम्मद अर्सलान की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 10 अप्रैल को सूचीबद्ध किया हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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