Delhi High Court Rejects PIL Demanding Removal Of Kejriwal From The Post Of CM – दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग वाली PIL को किया खारिज
नई दिल्ली:
दिल्ली शराब नीति मामले में ED की रिमांड में चल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक पीआईएल (जनहित याचिका) दाखिला किया गया था. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या इसमें कोई कानूनी मनाही है ? साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसमें न्यायिक दखल आवश्यक नहीं। अगर कोई संवैधानिक विफलता है तो एलजी उसे देखेंगे. उनकी सिफारिश पर राष्ट्रपति निर्णय लेंगे.
“यह विषय ऐसा नहीं है कि इसपर कोर्ट आदेश दे”
यह भी पढ़ें
कोर्ट ने आगे कहा कि हमने दिल्ली के एलजी का बयान भी अखबारों में पढ़ा है. हमे पता है कि ये मामला उनके संज्ञान में है. फिलहाल यह मामला उन्हें ही देखने दीजिए.राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश कोर्ट नहीं देता. हम याचिका में लगाए गए आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. लेकिन यह विषय ऐसा नहीं है कि इसपर कोर्ट आदेश दे.
गौरतलब है कि केजरीवाल ने मंगलवार को ईडी की हिरासत से अपना दूसरा कार्य आदेश जारी किया था. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में लोगों के लिए दवाएं और जांच व्यवस्था उपलब्ध हों.
सक्सेना ने परोक्ष रूप से आप सरकार को निशाना बनाते हुए कहा, ‘बच्चों के रूप में हम सभी ने ‘लोहे के चने चबाना’ जैसी एक कहावत सुनी है. दिल्ली आने के बाद मुझे वास्तव में इस कहावत का अर्थ पता चला.सक्सेना ने कहा था कि इस शहर में कोई भी काम करवाना ‘लोहे के चने चबाने’ जैसा लगता है. आप जो भी करने की कोशिश करते हैं, कुछ ताकतें होती हैं जो उस काम को रोकने में अपनी पूरी ताकत झोंक देती हैं, और अगर आप (किसी भी तरह) उस काम को सफलतापूर्वक पूरा कर पाते हैं, तो ये ताकतें श्रेय लेने की कोशिश करती हैं.
इक्कीस मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा था कि वह (केजरीवाल) मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से दिल्ली की सरकार चलाएंगे.पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा था कि पार्टी सुप्रीमो को बदला नहीं जा सकता.