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Delhi High Court permitted a minority student to attend classes in St Stephen’s College


Delhi News: सेंट स्टीफंस कॉलेज और दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के बीच एक छात्र को एडमिशन दिलाए जाने के मामले में सीट बंटवारे का विवाद शुरू हो गया. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने अल्पसंख्यक कैटिगरी के एक छात्र को क्लास अटेंड करने की इजाजत दे दी है. चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने सेंट स्टीफंस कॉलेज और छात्र की याचिका पर सुनवाई की. यह याचिका सिंगल जज के निर्णय के खिलाफ दाखिल की गई थी जिसने छात्र को एडमिशन से रोक दिया था. 

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्र से कहा है कि वह क्लास अटेंड कर सकता है लेकिन साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि ऐसी अब और कोई सीट आवंटित नहीं की जाएगी. हाई कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक सेंट स्टीफंस कॉलेज अल्पसंख्यक कोटा में और सीटों का आवंटन नहीं कर पाएगा. 

छात्र ने इस आधार पर मांगी थी एडमिशन की इजाजत

सिंगल बेंच ने 14 अक्टूबर को आदेश पारित किया था. जिनमें मेरिट के आधार 19 में से 18 स्टूडेंट्स प्रवेश के पात्र पाए गए थे. सिंगल जज के फैसले के पहले कॉलेज ने डीयू से निर्देश मांगा था कि वह सभी अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की लिस्ट अपलोड कर दे जिनके नाम अप्रूवल के लिए भेजे गए हैं. वहीं, 19वें नंबर के छात्र ने अपनी  याचिका में कहा था कि एक स्टूडेंट ने अपना नाम वापस ले लिया है ऐसे में एक अतिरिक्त सीट खाली हो गई. इसके बाद स्टूडेंट ने बीए कोर्स में दाखिले की इजाजत मांगी थी. 

डीयू की दलील पर कॉलेज ने दी सफाई

डीयू ने स्टूडेंट की अपील पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि कॉलेज सीट की संरचना को बदलकर आवंटित सीट के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती. सिंगल जज के सामने पेश होकर डीयू ने दावा किया कि कॉलेज ने सीटों की संरचना के अनुरूप ना चलते हुए बल्कि अपनी इच्छा के अनुरूप सीट आवंटित की है. वहीं. कॉलेज का कहना था कि 19वें नंबर के छात्र को प्रवेश स्वीकृत सीमा के अंदर ही दिया गया है और सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है.

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