Delhi Government Vs LG: Lieutenant Governor Wrote A Letter To The CM, CM Kejriwal Met And Replied – दिल्ली सरकार बनाम LG : उप-राज्यपाल ने सीएम को लिखा पत्र, CM केजरीवाल ने मुलाकात कर दिया जवाब
LG ने दिया आश्वासन – सीएम केजरीवाल
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार का आरोप है कि सर्विस सेक्रेटरी के तबादले की जो फाइल उपराज्यपाल को भेजी गई थी उपराज्यपाल उत्सव पर दस्तखत नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से दिल्ली का प्रशासनिक काम रुका हुआ है. अपनी सरकार के मंत्री पर LG द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि LG से हमारी बात हुई है. उन्होंने कहा है कि मैं फाइल भेज रहा हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि वो जल्द इसको भेज देंगे. क्योंकि सर्विस सेक्रेटरी सबसे क्रिटिकल होते हैं इसलिए उनका बदलाव बहुत ज़रूरी है.
सर्विस सेक्रेटरी को बदलना जरूरी है
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि जो भी फेरबदल करना चाहते है वो सर्विस सेक्रटरी करते हैं इसलिए उनको बदलना ज़रूरी है. एक बात जो सब जगह फैली हुई है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए या ख़त्म करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आ रही है. मैं उम्मीद करता हूँ कि ये सारी कोरी अफ़वाह हो, इनमें कोई सच्चाई नहीं हो. मैं ये उम्मीद करता हूँ. अगर ऐसा होता है तो यह देश की जनता के साथ बड़ा धोखा होगा. यह सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फ़ैसला है और इसका सम्मान करना चाहिए.
LG के पत्र के जवाब में सीएम केजरीवाल ने भी लिखा पत्र
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि मुझे आपका पत्र मिला. पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दों को पढ़कर स्तब्ध हूं. पत्र की भाषा तू-तू मैं-मैं की है और पत्र का सार है – ” उस दिन तूने मुझे ये क्यों कहा, मैंने तो तुझे ये क्यों कहा”. सीएम केजरीवाल ने अपने पत्र में आगे कहा कि मैं यह मान ही नहीं सकता कि सौरभ भारद्वाज जैसे शांत सौम्य व्यक्ति ने ऐसा कुछ कहा होगा. सीएम ने लिखा है कि अगर सौरभ भारद्वाज ने ऐसा कुछ कहा भी है तो वह आपका छोटा भाई है, बुलाकर डांट लीजिए.
आशीष मोरे ने लगाया आरोप
गौरतलब है कि वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट आशीष मोरे ने दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ मुख्य सचिव और उपराज्यपाल से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत भेजी है. इस पर आम आदमी पार्टी ने अदालत के फैसले को पलटने के लिए उपराज्यपाल की ओर से साजिश रची जाने का आरोप लगाया है. आशीष मोरे को 11 मई को दिल्ली के सेवा सचिव के पद से हटा दिया गया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले, जिसमें कहा गया था कि नौकरशाहों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर उपराज्यपाल का नहीं बल्कि दिल्ली सरकार का नियंत्रण होगा, के कुछ घंटों बाद पद से हटाया गया था.
आशीष मोरे ने आरोप लगाया है कि 16 मई को मंत्री ने उन्हें अपने चेंबर में बुलाकर बदसलूकी की और धमकी दी. मोरे ने इस मामले में सरकार से कार्रवाई की मांग की है और अपने लिए सुरक्षा की मांग की है.
मंत्री ने खारिज किए आरोप
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मोरे के आरोप को खारिज करते हुए कहा, “अगर वह आरोप लगाते कि मैंने उन पर शारीरिक हमला किया, तो हम क्या कर सकते हैं.” उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि मोरे ने सरकार की ओर से उन्हें भेजा गया पत्र स्वीकार नहीं किया, भले ही वे अपने आवास पर थे.
LG पर लगाया आरोप
मंत्री ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने (सुप्रीम कोर्ट के) बड़े फैसले के दिन ही घोषणा कर दी थी कि अधिकारियों में बड़ा फेरबदल किया जाएगा और जो लोग सार्वजनिक कार्य में बाधा डालते हुए पाए जाएंगे उन्हें हटा दिया जाएगा, ताकि बेहतर अधिकारियों को लाया जा सके. भारद्वाज ने कहा, “हमने 11 मई को ही सेवा सचिव को बदलने का फैसला किया, और वे गायब हो गए. वे कुछ दिनों के बाद लौटे और टालमटोल करने लगे. आखिरकार हमने उप राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा, लेकिन उन्होंने उसे अभी तक मंजूरी नहीं दी.”
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