Delhi Government School Four Minors In Custody In Case Of Sexual Harassment Of Students Atishi Writes Letter To Sachiv
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने सोमवार (28 अगस्त) को बताया कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में दो लड़कों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. इस साल की शुरुआत में स्कूल द्वारा आयोजित समर कैंप के दौरान उनके सहपाठियों ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था. वारदात अप्रैल का बताई जा रही है. पुलिस ने कहा कि 12 और 13 साल की उम्र के दो लड़कों ने अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं और आरोप लगाया कि पांच से छह सहपाठियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया.
मामले में चार नाबालिगों को पुलिस ने पकड़कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है. उन्हें सरकारी स्कूल के 2 बच्चों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. दोनों नाबालिग पीड़ितों ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने दो स्कूली छात्रों पर उनके सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न की खबरों को लेकर शिक्षा सचिव को पत्र लिखा है.
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव को लिखा पत्र
शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा सचिव को पत्र में लिखा है कि हमारे स्कूल के दो लड़कों का उनके सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न, यह बेहद परेशान करने वाला कृत्य है. यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि छात्रों ने शिक्षकों और उप-प्रिंसिपल को सूचित किया था, लेकिन उन्होंने इसे पुलिस या किसी उच्च अधिकारी के संज्ञान में नहीं लाया.
यह न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है. POCSO अधिनियम के अनुसार, दुर्व्यवहार के बारे में जानने वाले किसी भी व्यस्क द्वारा यौन शोषण की रिपोर्ट न करना एक आपराधिक अपराध है.
शिक्षा मंत्री ने पत्र में लिखीं ये बातें
उन्होंने कहा कि इस घटना पर हमें विचार करना चाहिए और सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि बच्चे हर समय सुरक्षित रहें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि शिक्षा निदेशालय निम्नलिखित उपाय करें, जबकि मामले में आपराधिक कार्रवाई जारी रहेगी. संबंधित शिक्षकों और उप प्राचार्य को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए. पुलिस को मामले की सूचना न देने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.
POCSO के प्रावधानों, अनिवार्य रिपोर्टिंग, दुर्व्यवहार की शीघ्र पहचान के लिए उपकरण, दुर्व्यवहार के प्रकार, बच्चों पर दुर्व्यवहार के प्रभाव और ऐसे छात्रों का समर्थन करने के लिए शिक्षकों की क्षमता निर्माण को सक्षम करने वाले उपचारात्मक उपायों पर सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का कठोर प्रशिक्षण सुनिश्चित करें.
सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के संदर्भ के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री तैयार करें और बच्चों के लिए सहायक वातावरण में दुर्व्यवहार के मामलों को संभालने के लिए स्कूलों के लिए दिशानिर्देश जारी करें.
शिक्षा मंत्री ने लिखा कि यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि हमारे स्कूलों में सभी बच्चे सुरक्षित हैं, और यदि बाल यौन शोषण का कोई भी मामला सामने आता है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाना होगा कि हमारे स्कूलों में ऐसी घटना दोबारा न हो.
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