Delhi firecracker injuries and burn cases in AIIMS Safdarjung Hospitals on Diwali 2024 night
Delhi News: राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात आतिशबाजी हुई. ऐसे में कई लोग हादसों का शिकार हो गये. अस्पतालों में पटाखों से झुलसने के 280 मामले सामने आये. अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देश की सबसे बड़ी ‘बर्न यूनिट’ वाले सफदरजंग अस्पताल में गुरुवार को सबसे ज्यादा 117 मरीज पहुंचे. दूसरे नंबर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 48 और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में झुलसने के 19 मामले सामने आए.
अस्पताल प्राधिकारियों के अनुसार 280 मरीजों में से 102 मामूली रूप से जले थे. गंभीर रूप से जले 15 मरीजों को भर्ती किया गया. उन्होंने बताया कि 20 मरीज 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे थे. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक 86 मामले पटाखों से और 31 दीये से झुलसने के थे. पटाखों से हाथ में गंभीर चोट लगने के कारण पांच लोगों को सर्जरी की आवश्यकता पड़ी. दिवाली से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को सफदरजंग अस्पताल में झुलसने के 18 मामले सामने आये थे. नौ मरीजों को भर्ती किया गया.
दिल्ली के अस्पतालों में 280 से ज्यादा पहुंचे मरीज
मामूली रूप से जलने के कारण नौ लोगों का उपचार किया गया. एम्स के मीडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि प्लास्टिक, पुनर्निर्माण और बर्न सर्जरी विभाग में दिवाली की शाम सात बजे से एक नवंबर की सुबह सात बजे तक 48 मामले दर्ज किए गए. पटाखों की आग से झुलसने के मामलों की संख्या 32 रही. 48 मरीजों में से 27 बुरी तरह झुलस गए जबकि 21 को मामूली चोटें आईं. 19 मरीजों को आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जिनमें से 11 की हालत गंभीर है.
डॉ. दादा ने कहा कि मरीजों ने झुलसने की पटाखों के अलावा अन्य वजह को भी बताया है. 35 मामले दिल्ली में, आठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में और पांच मामले एनसीआर के बाहर से हैं. इस दिवाली पर आंखों की चोटें भी चिंता का विषय रहीं. एम्स के आरपी नेत्र विज्ञान केंद्र में 31 अक्टूबर को आंखों की चोटों के 50 मामले और एक नवंबर तक 30 अतिरिक्त मामले दर्ज किए गये. दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में झुलसने से संबंधित 19 मामलों का इलाज किया गया. दिवाली समारोह के दौरान झुलसने की घटना सामने आयी थी.