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Delhi Cyber Fraud PhD student cheated Rs 20 lakh luring huge profits Share Market ANN


Delhi Cyber Crime News: अगर आप भी ऑनलाइन शॉर्ट-कट तरीकों से पैसा कमाने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. ऐसा करते हुए आप भी हो सकते हैं साइबर ठगों के अगले शिकार. 

आजकल साइबर ठग ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री और प्रीपेड टास्क पर मोटे मुनाफे का झांसा देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. 

साइबर ठगों का शिकार जब तक उनके मंसूबों को समझ पाता हैं, तब तक उनसे मोटी रकम ऐंठी जा चुकी होती है. ऐसी ही ऑनलाइन ठगी के एक मामले का खुलासा द्वारका जिले के साइबर थाने की पुलिस ने की है, जिसमें साइबर ठगों ने एक शख्स से 20 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दे डाला. 

पीएचडी स्टूडेंट है साइबर ठग आरोपी
इस मामले में पुलिस ने एक साइबर ठग को हैदराबाद से छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया. जिसकी पहचान लक्कु अखिलेश्वर रेड्डी के रूप में हुई है. यह तेलंगाना का रहने वाला है. 

आरोपी बिजनेस मैनेजमेंट में पीएचडी कर रहा है और फ्लैक्स प्रिंटिंग का कारोबार करता है. आरोपी के कब्जे से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किया है.

इंवेस्ट के नाम पर पीड़ित से 20 लाख ठगे
डीसीपी अंकित सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, द्वारका सेक्टर-6 के रहने वाले एक शिकायतकर्ता अक्षय कुमार सिंह ने 27 नवंबर 2023 में नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज की गई. 

शिकायतकर्ता ने बताया कि 23 नवंबर 2023 में उन्हें टेलीग्राम पर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का एक मैसेज मिला था. जिसमें आरोपियों ने उन्हें एक वेबसाईट https://faind.top पर अकाउंट बनाने को कहा था.

जहां साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता को ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री और प्रीपेड टास्क के लिए मोटे मुनाफे का लालच दिया था. ठगों ने इसके लिए पीड़ित शिकायतकर्ता को एक मैसेज भेजा था. 

जिस पर उसने मैसेज में दिए गए निर्देश के अनुसार, 23 नवंबर से 24 नवंबर के बीच 20 लाख 16 हजार 640 रुपये इन्वेस्ट कर दिए. इसके बाद आरोपियों ने उनसे संपर्क नहीं किया और इस तरह पीड़ित से एक भारी भरकम रकम की ठगी की गई. 

एसीपी की देखरेख में जांच टीम का गठन
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर 20 दिसंबर 2023 को द्वारका जिले के साइबर थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. 

इसके लिए एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख और साइबर थाने के एसएचओ जगदीश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह, एसआई विकास कुमार और हेड कॉन्स्टेबल परवेश की टीम का गठन किया गया था.

बैंक अकाउंट से मिला आरोपी का सुराग
जांच में जुटी पुलिस टीम ने ठगी से संबंधित बैंक अकाउंट का विश्लेषण किया. जिसमें उन्हें पता चला कि आईसीआईसीआई बैंक के तेलंगाना ब्रांच स्थित जिस अकाउंट में 14 लाख 30 हजार रुपये ट्रांसफर किये गए थे, वह मेसर्स HS1 इंटरप्राइजेज एंड कंपनी का है. 

इस पर पुलिस ने अकाउंट होल्डर यानी कंपनी के प्रोपराइटर का नाम और पता हासिल किया. पुलिस ने 11 जुलाई को टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से तेलंगाना में छापेमारी कर उसे दबोच लिया.

पूछताछ में उसने ठगी में शामिल एक अन्य आरोपी शिवा के नाम का खुलासा किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और एक दिन की रिमांड पर लेकर उससे आगे की पूछताछ कर रही है, जिससे इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके.

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