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Delhi crime branch police arrested three absconding accused who 11 lakh reward ann


Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 14 सालों से फरार एक ही परिवार के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी एक क्रूर हत्या के मामले में शामिल थे, जिसमें एक महिला को जिंदा जलाकर मारा गया था. अदालत ने इन आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया था और इन्हें पकड़ने पर 1.5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. इन आरोपियों ने अलग-अलग पहचानों से अपने आप को कर खुद को छिपा रखा था.

क्राइम ब्रांच की ईस्टर्न रेंज-1 यूनिट ने सबसे पहले उत्तर-पूर्व और पूर्वी दिल्ली के पुराने घोषित अपराधियों के रिकॉर्ड खंगाले. इस दौरान 14 साल पुरानी एक अनसुलझी हत्या के मामले का खुलासा हुआ. इस हत्या में महिला रोशन आरा को तीन आरोपियों ने अपने घर में दिनदहाड़े जिंदा जला दिया था. इस मामले में एफआईआर नं. 157/2010 दर्ज की गई थी और आरोपियों मुस्तफा, मसूमा और जरार खान को 2 दिसंबर 2011 को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था.

मोबाइल फोन ट्रैकिंग के जरिए आरोपी मुस्तफा की पहचान
इन आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच ने तकनीकी निगरानी, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रयास किए. पुलिस ने सैकड़ों कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की और मोबाइल फोन ट्रैकिंग के जरिए आरोपी मुस्तफा की पहचान की, जिसने एक फर्जी नाम अपनाया था. इसके बाद, एक कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म के जरिए मुस्तफा का असली नाम सामने आया, लेकिन उसने अन्य सभी जानकारियां बदल दी थीं.

इसके अलावा, आरोपी जरार खान के बारे में एक सक्रिय मोबाइल नंबर ने पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली. इसके बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने जमशेदपुर और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रेड भी की.

पूछताछ में आरोपी ने दी जानकारी
11 दिसंबर 2024 को, मुस्तफा को जमशेदपुर में फर्जी नाम ‘अब्दुल करीम’ के तहत गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने बताया कि मसूमा और जरार खान के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद जमशेदपुर में एक और आरोपी मसूमा को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना नाम बदलकर ‘रेशमा हाफिज’ रख लिया था. पुलिस ने फिर गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में एक और छापेमारी की, जहां जरार खान को गिरफ्तार किया गया.

 

इन धाराओं के तहत लगाए गए हैं आरोप
पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें स्थानीय पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया. इन पर हत्या, हत्या के प्रयास और आईपीसी की धारा 302, 307, और 34 के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही, इन्हें  भगोड़ा अपराधी (POs) घोषित करने के आरोपों का भी सामना करना पड़ेगा.

 



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