Delhi Assembly Elections 2025 Congress Strategy Blue Print Dalit Muslim Equation dozen of Seats on focus ANN
Congress Strategy: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार खाता खोलने की कवायद में जुटी कांग्रेस ने प्रचार के आख़िरी चरण में पूरी ताक़त क़रीब एक दर्जन सीटों पर झोंकने की रणनीति बनाई है. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
कांग्रेस ने उन सीटों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है जिनपर पार्टी की स्थिति मज़बूत है इनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक और दलित बहुल सीटें हैं. कांग्रेस की टॉप प्रायोरिटी की सीटें हैं- ओखला, बाबरपुर, सीलमपुर, मुस्तफ़ाबाद, मटियामहल, बल्लीमारान, सीमापुरी, चाँदनी चौक, कस्तूरबनगर, बादली, नई दिल्ली, नांगलोई जाट, छतरपुर और पटपड़गंज.
किस सीट से किस प्रत्याशी को दिया टिकट
इनमें ओखला, बाबरपुर, सीलमपुर, मुस्तफ़ाबाद, मटियामहल, बल्लीमारान मुस्लिम बहुल सीटें हैं. बल्लीमारान से पूर्व मंत्री हारून यूसुफ मैदान में हैं, ओखला से पूर्व विधायक की बेटी और मौजूदा पार्षद अरीबा खान उम्मीदवार हैं. इसी तरह मुस्तफाबाद से पूर्व विधायक के बेटे अली मेहंदी चुनाव लड़ रहे हैं. ओवैसी की पार्टी के कारण ओखला और मुस्तफाबाद में मुस्लिम वोटों की रेस त्रिकोणीय है. इसके अलावा सीलमपुर से कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से आए मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान को उतारा है. मटियामहल से कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री रहे आसिम अहमद और बाबरपुर से हाजी इशराक को टिकट दिया है जो पहले सीलमपुर से विधायक रह चुके हैं.
सीमापुरी दलित बहुल सीट है जहां से कांग्रेस एससी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीटें जैसे नई दिल्ली से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, बादली से प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, कस्तूरबा नगर से राष्ट्रीय सचिव अभिषेक दत्त, पटपड़गंज से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, चांदनी चौक से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल, नांगलोई से पूर्व राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी के लिए पार्टी पूरा दमख़म झोंकेगी.
किन सीटों पर कांग्रेस मुकाबले में?
कांग्रेस के सर्वे में यह बात सामने आई है कि इन दस से पंद्रह सीटों पर वो मुख्य मुकाबले में है. ऐसे में प्रचार के आख़िरी चरण में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और खरगे की सभाएं और रोड शो ज्यादातर इन्हीं सीटों पर करने का प्लान है. राहुल गांधी की 28 जनवरी को मटियामहल, 29 जनवरी को सीमापुरी और जनवरी को बादली में सभा कर सकते हैं. प्रियंका गांधी ओखला और नांगलोई में रोडशो कर सकती हैं. मुस्लिम सीटों पर इमरान प्रतापगढ़ी और ताबड़तोड़ सभाएं होंगी और दलितों को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे साधेंगे.
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
कांग्रेस ने ये भी तय किया है चुनावी वादों के साथ साथ दलित और मुस्लिम बहुल इलाक़ों में उस समाज से जुड़े पर्चे बांटे जाएंगे जिनमें अरविंद केजरीवाल को घेरा जाएगा और उन्हें बीजेपी-आरएसएस की बी टीम बताया जाएगा. कांग्रेस को मालूम है कि वो सीएम बनाने की रेस से बाहर है. ऐसे में वो किंगमेकर बनने के लिए जोर लगा रही है. उसका वास्तविक लक्ष्य विधानसभा में खाता खोलना और वोट प्रतिशत चार से बढ़ा कर दस के पार लेकर जाना है.
हालांकि कांग्रेस आधिकारिक तौर पर कह रही है वो सभी सत्तर सीटों पर पूरे दम से चुनाव लड़ रही है. दिल्ली चुनाव में पार्टी के मीडिया प्रभारी अभय दुबे ने कहा कि आप और बीजेपी ने लोगों का भरोसा तोड़ा है. लोग शीला दीक्षित के समय की याद कर कांग्रेस को फिर से मौका देने वाले हैं. कांग्रस सभी समाज की बात कर रही है लेकिन मुस्लिम और दलित समाज के हर मुद्दे पर केजरीवाल ने धोखा दिया है. अभय दुबे की आख़िरी लाइन से कांग्रेस की रणनीति साफ ज़ाहिर हो रही है.
ये भी पढ़ें: शरणार्थियों और अवैध झुग्गियों को मालिकाना हक से यमुना रिवर फ्रंट तक, जानें बीजेपी के तीसरे संकल्प पत्र की बड़ी बातें