Delhi Assembly Election Results 2025 How did the foreign media react to BJP’s victory in Delhi
Delhi Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटें जीतकर बीजेपी 27 साल के बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत पाई.
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत ने वैश्विक मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया है, कई मीडिया संस्थानों ने इसे भारत की राजधानी में एक बड़े राजनीतिक बदलाव के रूप में देखा है.
जानें इस पर वैश्विक मीडिया ने क्या प्रतिक्रिया दी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चुनाव नतीजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के लिए एक “ऐतिहासिक जीत” बताया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, “यह जीत शहरी केंद्रों में पार्टी की बढ़ती अपील को रेखांकित करती है, खासकर मध्यम वर्ग के मतदाताओं के बीच, जो कभी आप का समर्थन करते थे.”
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने दिल्ली में भाजपा की सत्ता में वापसी को बड़ी राजनीतिक वापसी बताया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आप की घटती लोकप्रियता और आंतरिक संघर्षों ने इसकी हार में अहम भूमिका निभाई. वहीं, वोट शेयर में हुई बढोत्तरी के बाद भी कांग्रेस रेस में नहीं थी.
स्पेन के एक प्रमुख अख़बार एल पैस ने इस घटना को इस शीर्षक के साथ कवर किया, “भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी, तीन दशकों के बाद दिल्ली में सत्ता में लौटी”. लेख में भाजपा की चुनावी सफलता और दिल्ली के शासन पर इसके प्रभाव पर चर्चा की गई.
फाइनेंशियल टाइम्स ने अधिक विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, “आप, जिसे कभी एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत के रूप में देखा जाता था, अब अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है, “दिल्ली आप का आखिरी गढ़ था. भाजपा के हाथों इसे खोना उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.”
अल जजीरा ने राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “ये परिणाम महत्वपूर्ण हैं “क्योंकि यह जीत निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के सूक्ष्म प्रबंधन की कहानी है. वो इस काम में बेजोड़ हैं.”
बीबीसी ने इस चुनाव को भाजपा और आप दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताया . रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि भाजपा के लिए दिल्ली की सत्ता हासिल करना सिर्फ़ चुनावी सफलता से कहीं ज्यादा है.