Delhi Air Pollution12 Years Life Reducing By Breathing In Delhi Know The Biggest Reason Behind This | Delhi Pollution: एक्सपर्ट बोले
Delhi Air Quality Index: दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता बुधवार को फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में से एक-तिहाई के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से निकलने वाला धुआं जिम्मेदार है. दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 426 दर्ज किया गया. यह प्रतिदिन शाम 4 बजे दर्ज किया जाता है. यह मंगलवार को 395 था.
दिल्ली-एनसीआर की हवा आज भी रही खराब
गंगा के मैदानी इलाकों के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक बताई गई है. गाजियाबाद (384), गुरुग्राम (385), नोएडा (405), ग्रेटर नोएडा (478) और फरीदाबाद (425) में भी वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई. दिल्ली के ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्य विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से निकले धुएं की बुधवार को दिल्ली में बिगड़ी वायु गुणवत्ता में 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही. वहीं बृहस्पतिवार को इसके 27 फीसदी रहने की संभावना है.
9-18 नवंबर तक स्कूल रहेंगे बंद
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मद्देनजर सभी स्कूलों की दिसंबर की शीतकालीन छुट्टियों में फेरबदल किया गया है और यह अब नौ नवंबर से 18 नवंबर तक होंगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली में ऐप-आधारित टैक्सी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम कार योजना लागू की जाएगी. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
ऑड-ईवन दिखाने के लिए लागू- कोर्ट
वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की पड़ताल के दायरे में आयी, जिसने इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाया और कहा कि यह दिखाने के लिए लागू की जा रही. दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में और गिरावट की आशंका जताते हुए, राय ने सोमवार को घोषणा की थी कि सम-विषम योजना 13 नवंबर से 20 नवंबर के बीच लागू की जाएगी. यह योजना कारों को उनके पंजीकरण संख्या के अंतिम अंक के सम या विषम होने के आधार पर वैकल्पिक दिनों में चलाने की अनुमति देती है.
गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने कनॉट प्लेस स्मॉग टावर को तुरंत फिर से शुरू करने और राजधानी में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए एक अध्ययन करने के निर्देश भी जारी किए. राय ने दावा किया था कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने सरकार को सूचित किए बिना दोनों परियोजनाओं को एकतरफा रोक दिया था.
दिल्ली में सांस लेना 10 सिगरेट पीने के बराबर
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, क्षेत्र में पांच से छह दिन और वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रहने की आशंका है. चिकित्सकों का कहना है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर के वरिष्ठ सलाहकार राजेश चावला ने कहा कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याएं हो सकती हैं या बढ़ सकती हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है.
दिल्ली-एनसीआर के लिए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को भी दिल्ली में लागू किया गया है. डीपीसीसी के अनुसार, राजधानी में 1 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है.
इन कारणों से बढ़ा प्रदूषण
तापमान में धीरे-धीरे गिरावट, हवा की गति कम होने और पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि के कारण पिछले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है. दुनिया के राजधानी शहरों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है. अगस्त में शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वायु प्रदूषण से दिल्ली में जीवन लगभग 12 साल कम हो रहा है.
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