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Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर ही दिख रहा है. जबकि हकीकत में दिल्ली में धड़ल्ले से पटाखे बेचे और खरीदे जा रहे हैं और फिर इसे जलाया भी खूब जा रहा है. अभी दीवाली में थोड़े दिन शेष हैं, लेकिन अभी से ही पटाखें फोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है और जिस तरह से दशहरे के मौके पर दिल्ली में पटाखे छोड़े गए, उससे तो इस पर लगा प्रतिबंध बेअसर नजर आ रहा है.
सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण को बढ़ाने में ये पटाखे बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और यह लोगों के लिए काफी खतरनाक भी है. मौसम में बदलाव के साथ अब प्रदूषण में धूल की बजाय पीएम 2.5, ऑक्साइड ऑफ नाइट्रोजन जैसे तत्व बढ़ रहे हैं. इनकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां भी हो रही हैं.
नवंबर में बढ़ सकता है प्रदूषण का स्तर
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो सकती है क्योंकि पराली का पीक आमतौर पर नवंबर के पहले हफ्ते में आता है. वहीं इस बार इसी के आसपास 12 नवंबर को दिवाली का त्योहार भी पड़ रहा है. ऐसे में नवंबर के पहले और दूसरे हफ्ते के दौरान प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर रह सकता है. जिस कारण लोगों को लंबे वक्त तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
धड़ल्ले से बिक रहे पटाखे
इस बार पटाखे दशहरे से ही जलने शुरू हो गए हैं. हालांकि, पुलिस लगातार पटाखों की खरीद-बिक्री में लोगों की धर-पकड़ कर रही है. इसके बावजूद राजधानी में पटाखे आसानी से मिल रहे हैं. पर्यावरण विशेषज्ञ के अनुसार इन पटाखों के कारण हवा में कई खतरनाक केमिकल घुल रहे हैं, जिस कारण लोगों की तकलीफें भी बढ़ रही हैं. ये पटाखे इतने खतरनाक होते हैं कि एक छोटे से पटाखे से 464 सिगरेट जितना धुंआ महज 3 मिनट में निकलता है, जो फेफड़ों के लिए काफी हानिकारक है.
पटाखों से हवा में बढ़ी केमिकल की मात्रा
पटाखों की वजह से हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂2), अमोनिया और बैंजीन जैसी गैसें और केमिकल्स बढ़ जाते हैं. ये केमिकल सेहत के लिए काफी खतरनाक होते हैं. इनकी वजह से चक्कर आना, सांस की तकलीफ, अपच, उल्टी, थकावट, तनाव, अनिद्रा, त्वचा संबंधित तकलीफ, सिर दर्द, आंखे लाल होना, मुंह और पैर आदि पर सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. इनका सीधा असर आंख, नाक, गले, फेफड़ों पर पड़ता है.
ये पटाखे हैं इतने खतरनाक
● सांप की गोली: इसका 3 मिनट का धुआं 464 सिगरेट के बराबर हानिकारक है.
● फुलझड़ी: इससे 3 मिनट में 208 सिगरेट के बराबर हानि होती है.
● पेंसिल क्रैकर: यह 2 मिनट में 74 सिगरेट के जितना खतरा पैदा करती है.
● चकरी: 5 मिनट में 68 सिगरेट के जितना नुकसानदेह.
●अनार: 3 मिनट में 34 सिगरेट के बराबर खतरनाक.
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