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Delhi AIIMS Give All Information Of Facilities On Notice Board ann


Delhi News: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हमेशा से ही इलाज कराने वाले मरीजों और उनके परिजनों की ओर से लंबी लाईनें लगने  की शिकायते मिलती रहती हैं. जिस कारण कई बार इंतजार में मरीजों और उनके तीमारदारों को एम्स के बाहर खुले में रात गुजरना पड़ता है. गर्मी के मौसम में तो फिर भी लोग कहीं भी कैसे भी रात गुजार लेते हैं, लेकिन सर्दियों के मौसम में होती है जब मरीजों के साथ उनके परीजन भी खुले में रात बिताने को मजबूर हो जाते हैं. लेकिन अब ऐसे मरीजों और उनके परिजनों के लिए राहत भरी खबर यह है कि, एम्स प्रशासन विश्राम सदन में खाली बेड की जानकारी के लिए अब डैशबोर्ड की सुविधा की शुरुआत करने जा रहा है.

AIIMS के पांच विश्राम सदन में कुल 1500 बेड

इस सुविधा की शुरुआत के बाद मरीजों को आसानी से विश्राम सदन में खाली बेड की जानकारी मिल सकेगी. एम्स प्रशासन के जानकारी के मुताबिक, एम्स के पांच विश्राम सदन में कुल 1500 बेड हैं. इनमें साई सदन धर्मशाला में 100, पावर ग्रिड विश्राम सदन में 281, आश्रय शेल्टर में 180, इंफोसिस विश्राम सदन में 806 और राजग्रिया विश्राम सदन में 149 बेड मौजूद हैं. वर्तमान में इनमें आधे बेड खाली रहते हैं. जिसे देखते हुए एम्स प्रशासन ने मरीजों और उनके परिजनों को प्रचार के माध्यम से इसकी जानकारी देने का फैसला किया है. इसके अलावा, कैंपस के आसपास खुले में रहने वालों को डैशबोर्ड से भी इसकी जानकारी मिल सकेगी.

एम्स बनाएगा दो हजार बेड वाला विश्राम स्थल

बता दें कि देश के कोने-कोने से एम्स में इलाज कराने के लिए मरीज और उनके परिजन दिल्ली पहुंचते हैं. कई बार तुरंत एम्स में इलाज की सुविधा न मिल पाने या एडमिट न हो पाने की स्थित में मरीजों और उनके परिजनों को खुले में रात गुजारनी पड़ती है, जिसे देखते हुए एम्स प्रशासन मरीजों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए एम्स के नजदीक अंसारी नगर में दो हजार बेड का विश्राम स्थल बनाने जा रहा है. एम्स निदेशक ने जल्द से जल्द इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

जगह होने पर भी नहीं मिलती ठहरने की सुविधा

बिहार और बंगाल से आये कुछ मरीजों से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी है कि अंदर ठहरने की व्यवस्था है, पर जब जाते हैं तो गार्ड के द्वारा जगह फुल बताया जाता है, आखिर क्यों? अब देखना है कि एम्स प्रशासन की ये मुहिम कितनी रंग लाती है, क्या तीमारदारों को भीतर खाली पड़े बेड उन्हें मिलता है या सिर्फ खानापूर्ति होता है. 

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