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Death Toll Due to Poisonous Liquor Increased in Bihar 28 in Siwan and 7 Died in Chhapra ANN


Bihar Hooch Tragedy Update: बिहार के छपरा और सीवान में जहरीली शराब से हो रही मौतों की संख्या बढ़ रही है. शुक्रवार (18 अक्टूबर) की सुबह तक की रिपोर्ट के अनुसार सीवान में सबसे अधिक 28 लोगों की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन की ओर से की गई है. वहीं छपरा में सात मौतों की पुष्टि की गई है. कई लोग अभी भी जिलों में भर्ती हैं. पटना की बात करें तो पीएमसीएच में 25 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है. 

छपरा में जिन सात लोगों की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन की ओर से की गई है वे सभी मशरक थाना क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. बीते तीन से चार दिनों के बीच हुई इस घटना के बाद अब प्रशासन अलर्ट मोड में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते गुरुवार को ही सख्त निर्देश दिया है कि जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाए.

छपरा में इन सात लोगों की हुई मौत

  • इस्लामुद्दीन अंसारी, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
  • शमशाद अंसारी, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
  • प्रदीप साह, पिलखी, थाना- मशरक
  • शंभु नारायण सिंह, कैया टोला, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
  • धर्मेंद्र राम, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
  • शिवजी ठाकुर, गंडामन, थाना- मशरक
  • अनिल मांझी, बाली विशुनपुरा, थाना- मशरक

सीवान में अब तक 28 लोगों की जान गई

जहरीली शराब से मौत का मामला सबसे अधिक सीवान से आ रहा है. सीवान के भगवानपुर प्रखंड की कौरिया व माघड़ पंचायत में तीन से चार दिनों के अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है. सीवान में आठ लोगों का इलाज चल रहा है. वहीं गंभीर रूप से जो बीमार थे वैसे करीब 13 लोगों को पीएमसीएच (पटना) रेफर कर दिया गया है. 

हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी तबीयत ठीक हो गई है. करीब 30 लोगों को इलाज के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है. जिन शवों का पोस्टमार्टम हो जा रहा उसे पुलिस उनके परिजनों को सौंप दे रही है. 15 अक्टूबर (मंगलवार) से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ जिसके बाद संख्या बढ़ती जा रही है. गांव के लोगों का कहना है कि मौत के जो आंकड़े हैं वह ज्यादा हैं. 

पैसा लेकर शराब बेचवाने का आरोप

कौरिया तख्त गांव में प्रदीप मांझी का शव जलाया जा रहा था. वहां उनके परिजनों में काफी ज्यादा आक्रोश था. परिजनों ने आरोप लगाया कि कौरिया वैश्य टोला में जब एक शराब बेचने वाले को बुधवार को पुलिस-प्रशासन ने पकड़ा तो उसने बड़े-बड़े अधिकारियों के सामने खुलकर बोला कि थाना तीन हजार महीना लेकर शराब बेचवाता है. यह भी कहा कि चौकीदार ही यह सब धंधा करता था. पीता भी था और बेचने वालों से पैसा भी लेता था.

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