DDU VC And Registrar Including Police Thrashed In Gorakhpur, FIR Lodged Against Students – गोरखपुर में DDU के कुलपति और रजिस्ट्रार सहित पुलिस की जमकर पिटाई, छात्रों पर FIR दर्ज
घटना को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस में हंगामा हो गया. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति कक्ष में घुसकर तोड़फोड़ की और दरवाजा उखाड़कर फेंक दिया.
घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई. कार्यकर्ताओं ने पुलिस से भी मारपीट की. इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके कार्यकर्ताओं को खदेड़ा. साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया है.
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— NDTV India (@ndtvindia) July 21, 2023
शुक्रवार की सुबह से ही ABVP कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे. कार्यकर्ता दोपहर बाद तक कुलपति का इंतजार करते रहे, लेकिन तीन बजे तक कुलपति बाहर नहीं निकले. इसके बाद नाराज कार्यकर्ता कुलपति कक्ष में पहुंच गए. इस दौरान पुलिस अपनी सुरक्षा में कुलपति को बाहर निकाल रही थी. तभी कार्यकर्ताओं ने हमला बोल दिया. कुलपति को पीटने के साथ ही बीच-बचाव कर रहे पुलिसकर्मियों से भी कार्यकर्ताओं ने जमकर मारपीट की.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पहले भी कई बार विरोध प्रदर्शन किया था. गत 26 जून को भी प्रशासनिक भवन पर एबीवीपी ने हंगामा किया था. उस दिन तीन गेट के ताले भी तोड़ दिए गए थे. उसके बाद कुलपति ने एक-एक कर छात्रों की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया था कि जल्द ही इन सभी का समाधान कर दिया जाएगा. लेकिन कोई परिणाम नहीं निकलने पर एबीवीपी ने गुरुवार को कुलपति का पुतला फूंकने की चेतावनी दी थी.
हाथापाई में नियंता मंडल के कई सदस्य भी हुए थे घायल
एक हफ्ते पहले भी ABVP के कार्यकर्ता गोरखपुर यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर पहुंचे थे. वहां वे कुलपति का पुतला दहन कर रहे थे. इस बीच नियंता डॉ सत्यपाल सिंह और नियंता मंडल के सदस्य वहां पहुंचे. उन्होंने छात्रों को समझाने की कोशिश की. इस दौरान दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई. छात्रों ने मुख्य नियंता डॉ सत्यपाल सिंह, डॉ सुनील कुमार सिंह समेत अन्य सदस्यों पर हमला कर दिया. छात्रों के इस व्यवहार के बाद नियंता सन्न रह गए. इसके बाद ABVP ने कुलपति का पुतला फूंका.
आज की घटना के बाद कुछ छात्रों को कैंट पुलिस ले गई है. दरअसल मामला एबीवीपी से जुड़ा है इसलिए पुलिस के साथ हाथापाई के बाद भी अधिकारी खामोश हैं.
संलिप्त छात्र निष्कासित : विश्वविद्यालय
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से घटना को लेकर जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि, उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और संलिप्त छात्र निष्कासित कर दिए गए हैं. विश्वविद्यालय ने कहा है कि, प्रशासनिक भवन स्थिति कुलपति कार्यालय में जबरजस्ती घुसपैठ कर मारपीट करने तथा अधिकारियों पर जानलेवा हमला करने वाले उपद्रवियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है तथा इसमें लिप्त विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि, लगभग 11.00 बजे दिन में कार्यालय अवधि में कुछ लोग जबरदस्ती विश्वविद्यालय के प्रशानिक भवन में घुस आए, जिनमें कुछ विद्यार्थी भी थे. इन लोगों ने परिसर में हंगामा मचाना शुरू कर दिया. उन्होंने कुलपति कार्यालय का सामान, गमले, शीशे, कुर्सियों व कुलपति की गाड़ी को क्षतिग्रस्त करते हुए विश्वविद्यालय के अधिकारियों तथा कुलपति, वित्त अधिकारी, कुलसचिव, नियंता आदि को उनके चैंबरों में ही बंद कर दिया. उपद्रवी विद्यार्थियों को कुछ बाहरी तत्व सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अपराध करने के लिए उत्साहित भी कर रहे थे. उपद्रवी तत्वों ने विश्वविद्यालय अधिकारियों के सरकारी कार्यों में जानबूझकर बाधा पहुंचाई.
कुलसचिव पर जानलेवा हमला
विश्वविद्यालय ने कहा है कि, विवश होकर सुरक्षार्थ पुलिस को बुलाना बड़ा. पुलिस की उपस्थिति में भी ये लोग उपद्रव करते रहे. पुलिस के समझाने-बुझाने पर भी ये लोग शांत नहीं हुए. किसी तरह से कुलपति को पुलिस के संरक्षण में बाहर निकाला गया. विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों ने भी किसी प्रकार छिपकर अपनी जान बचाई. इसी बीच कुलसचिव इन उपद्रवी तत्वों के हाथ लग गए. उपद्रवी तत्वों ने उन पर जानलेवा हमला किया. उनके सिर के पिछले भाग में चोट लगी. किसी प्रकार बीच-बचाव करते हुए उनको उपद्रवी तत्वों के बीच से निकाला गया.
पुलिस कार्रवाई न होने से उपद्रवियों का मनोबल बढ़ा
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि, इस घटना के पूर्व भी 13 जुलाई 2023 को उपद्रवी तत्वों ने घटना को अंजाम दिया था. इसके सम्बन्ध में उसी दिन प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखित सूचना दी गई, किन्तु ऐसा लगता है कि उनके विरुद्ध कोई निरोधात्मक या अन्य कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण उपद्रवी तत्वों का मनोबल बढ़ गया.
ठेकेदारों की भी संलिप्तता
विश्वविद्यालय ने कहा है कि, इस घटना में कुछ ठेकेदार भी मिले हुए हैं. इन ठेकेदारों को विश्वविद्यालय से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है एवं इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. विश्वविद्यालय में इनका प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है. घटना में कुछ शिक्षकों को भी संलिप्त पाया गया है. इन शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की की जा रही है.
इस अप्रत्याशित घटना के बाद मुख्य नियंता ने प्रशासनिक भवन तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है. नियंता मंडल सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अवांछनीय तत्व विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सके.
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