Could Have Been Thrown Out ISRO Chief S Somanath To NDTV Recalls Career Challenges – मुझे बाहर निकाला जा सकता था: ISRO चीफ एस सोमनाथ ने बताया करियर में कैसी मिली चुनौतियां

चंद्रयान-3 मिशन को लीड करने वाले ISRO चीफ एस सोमनाथ का वक्त एक समय इतना खराब चल रहा था कि उन्हें इसरो से निकाले जाने का डर भी सता रहा था. उन्होंने कहा, “इसरो में मेरी पोजिशन खतरे में थी… मुझे बाहर निकाला जा सकता था”. 1985 में एस सोमनाथ विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से जुड़े. उन्हें जनवरी 2022 में इसरो का चीफ बनाया गया.
अपने करियर को याद करते हुए इसरो चीफ ने कहा, “कई साल पहले…PSLV Mark-III मिशन की लॉन्चिंग फेल होने की पूरी संभावना थी. लेकिन किसी को इस लॉन्चिंग का फैसला लेना था. मैंने ये फैसला लिया. और यह सफल रहा. जीवन में बहुत सी चीजें ऐसी ही घटित होती हैं.”
चेहरे पर मुस्कान के साथ इसरो प्रमुख ने कहा, “हालांकि इसकी आलोचना की गई. मेरी काबिलियत पर सवाल उठाए गए, लेकिन मैं खुद को कुछ लोगों के मूर्खतापूर्ण शब्दों…मूर्खतापूर्ण कामों से ऊपर उठना सिखाया है.”
उन्होंने आगे बताया, “…आप इस रोल के लिए काबिल व्यक्ति नहीं हैं… मैं ऐसी आलोचना कई बार सुन चुका हूं. लेकिन मैंने खुद को इन मूर्खतापूर्ण चीजों से ऊपर उठना सिखाया. एक बार जब आप आत्मविश्वास के उस पॉइंट पर पहुंच जाते हैं, तो आप ऐसे लोगों को देखकर मुस्कुराएंगे. तब उनकी मूर्खतापूर्ण हरकतों को नजरअंदाज किया जा सकता है.”
सोमनाथ ने बताया, “जब मैं स्कूल में था तो दूसरों की तरह मैं भी स्पेस के प्रति बहुत आकर्षित था. सूरज, चांद और तारों को लेकर मेरी भी बहुत सी जिज्ञासाएं थीं. हिंदी टीचर होने के बावजूद पिता की साइंस में बहुत रुचि थी. वे एस्ट्रोनॉमी से जुड़ी किताबें लाकर मुझे देते. मैंने उस समय वो किताबें पढ़ीं.” उन्होंने कहा, “मैं खुद को एक खोजकर्ता (Explorer) बताता हूं. मैंने चांद को एक्सप्लोर किया है. उसके अंदर के स्पेस को एक्सप्लोर किया है. विज्ञान और आध्यात्मिकता की खोज करना मेरे जीवन की यात्रा का हिस्सा है.”
चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद भारत का अगला मिशन आदित्य L-1 (सोलर मिशन) और गगनयान है. एस सोमनाथ ने कहा, “अगर मानवता पृथ्वी से परे यात्रा करने की योजना बना रही है, तो चंद्रमा और मंगल ग्रह के साथ-साथ एक्सोप्लैनेट पर भी आवास निर्माण की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “हम आज खुद को इतना हीन समझते हैं… कि हम तकनीकी रूप से उन्नत नहीं हैं, आर्थिक रूप से शक्तिशाली नहीं हैं. हम हमेशा सोचते हैं कि हम गरीब हैं, इसलिए हम इस सब में निवेश नहीं कर सकते. मेरा मानना है कि इन चीजों को पीछे छोड़कर हमें आगे बढ़ना होगा.”
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