Corruption Casteism And Communalism Will Have No Place In Our National Life Says PM Narendra Modi – भारत में भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी: पीएम मोदी
खास बातें
- “दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण, अब मानव-केंद्रित हो रहा”
- “आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका”
- “फर्जी खबरें अराजकता का कारण बन सकती हैं”
नई दिल्ली:
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र होगा. भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता की हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई जगह नहीं होगी. दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण, अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है. भारत इसमें उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है. ‘सबका साथ, सबका विकास’; विश्व कल्याण के लिए भी एक मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है.
भारत अब दो अरब कुशल हाथों वाला देश
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एक दशक से भी कम समय में पांच पायदान की छलांग लगाने की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कहा कि निकट भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा. आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका है जिसे अगले एक हजार वर्षों तक याद किया जाएगा.
PM मोदी ने पाकिस्तान, चीन की आपत्तियों को खारिज
प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी-20 की बैठकें आयोजित करने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि (भारत के) हर भाग में बैठक आयोजित होना ‘स्वाभाविक’ है. पीएम मोदी ने कहा, “जी-20 में हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को विश्व ने केवल विचारों के रूप में ही नहीं, बल्कि भविष्य के एक रोडमैप के रूप में देखा है.
साइबर अपराधों से लड़ने में वैश्विक सहयोग बेहद जरूरी
बढ़ते साइबर अपराधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “साइबर अपराधों से लड़ने में वैश्विक सहयोग न केवल वांछनीय बल्कि अपरिहार्य है. साइबर क्षेत्र ने अवैध वित्तीय गतिविधियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया आयाम पेश किया है. साइबर खतरों को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, धनशोधन इस खतरे की झलक भर हैं. आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए ‘डार्कनेट’, ‘मेटावर्स’ और ‘क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म’ का उपयोग कर रहे हैं. राष्ट्रों के सामाजिक ताने-बाने पर इसका असर पड़ सकता है. आपराधिक उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने के लिए एक समग्र अंतरराष्ट्रीय संधि करने की जरूरत है.
गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय नीतियों की चुकानी पड़ेगी कीमत
पीएम मोदी ने कहा कि नौ साल की राजनीतिक स्थिरता के चलते कई सुधार हुए हैं और विकास इसका स्वाभाविक प्रतिफल है. साथ ही उन्होंने चेताया कि गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय और लोकलुभावन नीतियों के अल्पकालिक राजनीतिक परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसकी बड़ी सामाजिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय नीतियों और लोकलुभावनवाद का सबसे अधिक असर सबसे गरीब वर्ग पर पड़ता है.
भारत अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए नीतिगत रुख का समय पर और स्पष्ट संचार महत्वपूर्ण है. मुद्रास्फीति दुनिया के सामने प्रमुख मुद्दा है. हमारी जी 20 अध्यक्षता ने ऐसी नीतियों को मान्यता दी है जिसमें एक देश में मुद्रास्फीति दूसरे देशों को प्रभावित नहीं करती. भारत की जी 20 की अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए. कभी केवल एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाने वाला भारत अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)