Convocation Ceremony Of Jadavpur University Held In An Atmosphere Of Tension In Bengal, Governor Did Not Come – बंगाल में तनाव के माहौल में हुआ यादवपुर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल नहीं आए
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच गतिरोध के बीच रविवार को तनावपूर्ण माहौल में यादवपुर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह हुआ, जिसमें राज्यपाल सीवी आनंद बोस शामिल नहीं हुए. समारोह की अध्यक्षता बुद्धदेब साव ने की, जिन्हें बोस ने अनुशासनात्मक आधार पर कार्यवाहक कुलपति के पद से हटा दिया था.
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दीक्षांत समारोह में लगभग 5,000 छात्रों को डिग्री और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. 24 दिसंबर को दीक्षांत समारोह की निर्धारित तिथि से पहले रात को साव को उनके पद से हटा दिया गया था.
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्यपाल के “मनमाने और एकतरफा फैसले” की आलोचना की. विभाग ने विश्वविद्यालय के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय ‘कोर्ट’ से साव को उनकी शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति देने का आग्रह किया था.
साव ने आधिकारिक तौर पर समारोह की शुरुआत की, लेकिन सभा को संबोधित करने या डिग्री प्रदान करने से परहेज किया, इसके बजाय वह मंच पर बैठे रहे. उन्होंने ‘प्रो-वीसी’ अमिताव दत्ता को डिग्री प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी.
आमंत्रित किए जाने और शहर में उपस्थित होने के बावजूद, राज्यपाल दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं हुए. राज्यपाल राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति हैं.
बाद में हुए संवाददाता सम्मेलन के दौरान साव ने कहा कि राज्यपाल की ओर से जारी निष्कासन पत्र में उनकी बर्खास्तगी का कोई कारण नहीं बताया गया है. साव ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के निर्देशों का पालन किया और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु तथा कुलाधिपति बोस को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार की विज्ञप्ति के जरिए मुझे दीक्षांत समारोह से ठीक पहले ‘कोर्ट’ की बैठक आयोजित करने की अनुमति दी गई और मैंने आदेश का पालन किया. मैं शिक्षा मंत्री और उनके विभाग का आभारी हूं. मैं इतने दिन तक मुझे काम करने की अनुमति देने के लिए कुलाधिपति को भी धन्यवाद देता हूं.”
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)