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CM Yogi Adityanath says tribals had neither ration cards nor government facilities only made victims ann | सीएम योगी बोले


UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भाजपा सरकार आने से पहले उत्तर प्रदेश के जनजातीय समाज को न तो वोट डालने का अधिकार था, न राशन कार्ड और न ही कोई सरकारी सुविधा. थारू, मुसहर, कोल, गोंड जैसी जनजातियों को कभी सिर्फ शोषण का शिकार बनाया गया. इन लोगों का ब्रेनवॉश करने का काम कुछ वामपंथी और मिशनरी ताकतों ने भी किया. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. आज हर जनजातीय गांव में बिजली है, सड़क है, मकान हैं और स्कूल व स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हैं.

मुख्यमंत्री योगी सोमवार को लखनऊ के गोमती नगर विस्तार स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के ऑडिटोरियम में  गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 5.0 के कार्यकर्ता सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा संस्थाओं के निरंतर प्रयासों से यह परिवर्तन आया है. समारोह में सीएम योगी और आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.

गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर जनजातीय गांव लंबे समय तक उपेक्षित रहे. यहां के लोग वन विभाग और पुलिस के शोषण का शिकार होते थे. वनटांगिया समुदाय के 55 गांव तो आजादी के बाद भी अधिकारविहीन थे. न इन्हें वोटिंग का अधिकार था, न किसी योजना का लाभ. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 2017 में भाजपा की सरकार आई, तब इन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला और योजनाएं पहुंचनी शुरू हुईं.

उन्होंने बताया कि थारू जनजाति के लोगों को अंग्रेजों ने तराई के जंगलों में बसाया था और उनसे कहा गया कि यहां रहो लेकिन तुम्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा. वे झोपड़ियों में रहे और तमाम पीड़ाएं सहीं. आजादी के बाद भी किसी सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. अब हर घर में बिजली है, हर गांव में पक्की सड़क है. लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिले हैं.

लोग पहली बार मतदाता बने- सीएम
मुख्यमंत्री कहा कि स्कूल खुले हैं, आंगनबाड़ी केंद्र चालू हैं. आयुष्मान योजना, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है. हजारों लोग पहली बार मतदाता बने हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा न्यास और पूज्य महंत अवैद्यनाथ जी का योगदान अविस्मरणीय है. नेपाल में जब माओवादी संघर्ष चरम पर था, तब भी संघ और उससे जुड़ी संस्थाएं सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवा का काम कर रही थीं. यह सब देखकर मुझे भी प्रेरणा मिली.

सीएम ने कहा कि गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा केवल इलाज का माध्यम नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत है. कोरोना महामारी के समय भी यह यात्रा जारी रही. इंसेफेलाइटिस, टीबी, चर्म रोग जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को दवाएं दी गईं, पोषण मिला और आत्मविश्वास बढ़ा.

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कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित
समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने सेवा कार्य में लगे कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और स्वयंसेवकों का सम्मान किया. उन्होंने कहा कि यह यात्रा राष्ट्र निर्माण और सामाजिक एकता की मिसाल है. यह हमें आदि शंकराचार्य की यात्राओं की याद दिलाती है, जिनसे देश एक सांस्कृतिक सूत्र में बंधा.

उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र और नेपाल सीमा से सटे जनपदों जैसे बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज आदि में थारू, कोल, मुसहर जैसी जनजातियां निवास करती हैं. वर्षों तक ये लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे. वनटांगिया समुदाय को तो राजस्व गांव का दर्जा तक नहीं मिला था. बीजेपी सरकार आने के बाद इनके विकास के लिए विशेष अभियान चलाए गए और अब ये क्षेत्र बदलाव की राह पर हैं.



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