CM Yogi Adityanath order Kanwar Yatra FSSAI Nameplates bill in UP was passed in 2006 during UPA government Mulayam Singh Yadav was CM
सीएम योगी के कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर सियासत तेज हो गई है. इस आदेश पर विपक्ष ही नहीं बल्कि बीजेपी नेता भी सवाल उठा रहे हैं. हद तो तब हो गई जब एनडीए के घटक दल जेडीयू नेताओं ने भी विरोध शुरू कर दिया. दरअसल, सीएम योगी ने आदेश दिया कि कांवड़ रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगानी होगी जिसमें दुकान मालिक की पहचान का भी जिक्र करना होगा.
भले ही सीएम योगी के आदेश पर सपा चीफ अखिलेश यादव और कांग्रेस जमकर निशाना साध रहे हों लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 में ही इस नियम को लागू किया था. बता दें कि जिस आदेश पर बवाल है वो मुलायम सिंह की सरकार में ही लागू हो गया था. केंद्र में यूपीए की सरकार के समय ये बिल पास हुआ.
उत्तर प्रदेश सरकार के 2006 के बिल में दुकानों के बाहर तख्ती पर सभी दुकानदारों, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालकों को अपना नाम , पता और लाइसेंस नंबर लिखने की बात कही गई थी. उस समय ग्राहकों की बेहतरी के लिए सामानों की लिस्ट भी सार्वजनिक करने की बात कही गई थी.
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के मुताबिक प्रत्येक रेस्तरां या ढाबा संचालक को अपनी फर्म का नाम, अपना नाम और लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य किया गया. ‘जागो ग्राहक जागो’ के अंतर्गत सूचना बोर्ड पर रेट लिस्ट लगाना भी अनिवार्य था.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया. प्रियंका ने लिखा, ‘हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है.’
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम प्रदर्शित करने के मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है.’ केसी त्यागी बोले ‘धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपी सरकार के आदेश के बाद X पर लिखा, ‘कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं.आस्था का सम्मान होना ही चाहिए,पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए.’
Published at : 19 Jul 2024 08:45 PM (IST)