CM Yogi adityanath has zero tolerance policy against corruption suspended 11 IAS Officers
IAS Abhishek Prakash Suspended: यूपी में सोलर उद्योग लगाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है. जिसके बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका कड़ा रुख़ सामने आया है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब सीएम योगी ने इस तरह की सख्ती दिखाई है. अपने कार्यकाल में वो अब तक 11 अधिकारियों को निलंबित कर चुके हैं. हालांकि इनमें से कई अधिकारियों को बहाल भी कर दिया गया है.
आईएएस अभिषेक प्रकाश पर यूपी में सोलर उद्योग लगाने के लिए कमीशन मांगने आरोप लगा, जांच में दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. सीएम भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले उन्होंने लखीमपुर खीरी में भी ज़मीन की पैमाइश लटकाने के मामले में आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह को सस्पेंड कर दिया था. हालांकि अब उन्हें बहाल कर दिया गया है.
कई अधिकारियों पर चल चुका है सस्पेंशन का चाबुक
इसी तरह साल 2024 में अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे मनमाने तरीके के बहाल करने का मामला सामने आया था. इसमें 2012 बैच के आईएएस अधिकारी देवीशरण उपाध्याय का नाम सामने आया, जिसके बाद उन्होंने भी पद से निलंबित कर दिया गया. साल 2022 में सोनभद्र के डीएम टीके शीबू को सस्पेंड किया गया. पद का दुरुपयोग करने के मामले में औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को भी सस्पेंशन झेलना पड़ा. हालांकि इन दोनों अधिकारियों को भी अब बहाल कर दिया गया है.
इस लिस्ट में उन्नाव में डीएम रहे देवेंद्र कुमार पांडेय का भी नाम हैं उन पर शिक्षा विभाग में हुई खरीद में अनियमितता के आरोप लगे, महाराज गंज के डीएम अमरनाथ उपाध्याय को गो सरंक्षण में धांधली के आरोप में निलंबित किया गया. केदारनाथ सिंह को पर्यटन विभाग में रहते हुए और शारदा सिंह को भी ओबीसी कोटे पर भर्ती नहीं करने के आरोप में निलंबित किया गया. साल 2018 में अनाज घोटाले में डीएम रहते हुए जितेंद्र बहादुर सिंह और सरकारी गेहूं ख़रीद में गड़बड़ी के आरोप में फतेहपुर के डीएम रहते हुए कुमार प्रशांत को भी सस्पेंड किया गया था.