CM Sukhvinder Singh Sukhu told when will Himachal economics be stable ANN
Himachal Pradesh News: 1990 के दशक से हिमाचल प्रदेश में कर्ज लेने की प्रथा अब तक जारी है. हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़कर 86 हजार करोड़ के करीब पहुंच चुका है. इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का अहम बयान सामने आया है. उन्होंने पूर्व की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए बीजेपी के पास कड़े निर्णय लेने का साहस ही नहीं था. बीजेपी ने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए संपन्न परिवारों का बिजली और पानी का बिल माफ किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुफ्त में बांटने की प्रक्रिया अगर इसी प्रकार जारी रहती, तो प्रति व्यक्ति कर्ज दो लाख रुपये तक पहुंच जाता”. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विकट आर्थिक स्थिति के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है. उन्होंने 75 साल से ज्यादा उम्र के 28 हजार पेंशनभोगियों को एरियर देने की भी घोषणा की. सीएम सुक्खू ‘मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे.
सरकारी कर्मचारी परिजनों की तरह- CM सुक्खू
मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने के लिए अभिनव योजना है. कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को परिजनों की तरह बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अभी छह महीने का वक्त लगेगा. प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के बाद एरियर और महंगाई भत्ते मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास एनपीएस फंड का नौ हजार करोड़ रुपये फंसा हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र से धनराशि वापस लाने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया है.
शिक्षा की रैंकिंग में गिरावट की जिम्मेदार BJP
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा क्षेत्र की रैंकिंग में गिरावट का आरोप पूर्व की बीजेपी सरकार पर मढ़ा. उन्होंने कहा, ‘गलत नीतियों की वजह से प्रदेश गुणात्त्मक शिक्षा क्षेत्र की रैंकिंग में फिसलकर 18वें स्थान पर पहुंच गया है. अब कांग्रेस सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रयासरत है. कांग्रेस सरकार ने बच्चों को गुणात्त्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं. शिक्षा में सुधार करने के लिए प्रदेश सरकार तीन स्तरों पर कार्य कर रही है’.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 850 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्रों में स्तरोन्नत कर रही है. सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 6 हजार अनाथ बच्चों को चिल्डर्न ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है. इस योजना में 27 साल की उम्र तक इन बच्चों की शिक्षा देखभाल, वार्षिक यात्रा का खर्च और आत्मनिर्भर बनने के लिए मदद दी जा रही है.