Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में 20 दिव्यांग चला रहे 9 कैंटीन, मैनेजमेंट खुद संभालते, 8 रुपये में देते हैं भरपेट खाना
Chittorgarh Divyang Indira Rasoi: दिव्यांगता जिससे कोई हार मानकर जिंदगी तक खत्म के देता है लेकिन कई ऐसे भी है जो इससे लड़कर आगे निकलते हैं और मुकाम हासिल करते हैं. ऐसे ही एक नहीं आज 20 दिव्यांगों की बात करने जा रहे हैं. यह उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में रहते हैं. यह सभी 9 कैंटीन चला रहे हैं जहां मात्र 8 रुपए में लोगों को खाना खिला रहे हैं. बड़ी बात यह है कि सभी कैंटीन का पूरा मैनेजमेंट यह खुद संभाल रहे हैं. यह चला रहे हैं मेवाड़ विकलांग सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रीति तनेजा. वह खुद एक दिव्यांग है. आइए जानते हैं इनका सफर और कैंटीन मैनेजमेंट.
प्रीति तनेजा ने एबीपी को बताया की वह कट्स मेवाड़ विकास संस्थान से जुड़े हुए हैं. जिसकी ही यह मेवाड़ विकलांग सेवा संस्थान हैं और मैं इसकी अध्यक्ष हूं. प्रीति बताती है कि मैं डबल एम ए बीएड हूं और शिक्षक बन की तैयारी के रही थी. कोरोना काल में कट्स सेवा संस्थान से जुड़ी और 20 हजार मास्क बनाकर लोगों को निशुल्क वितरित किए थे. इसके बाद कट्स सेवा संस्थान ने ही हम विकलांगों को आगे बढ़ाने के लिए विकलांग संस्थान बनाई. इसमें हम 5 सदस्य जुड़े हुए हैं. पहले 3 कैंटीन से शुरुआत की थी लेकिन अब चित्तौड़गढ़ में 9 कैंटीन का संचालन कर रहे हैं
कैसे हुई कैंटीन की शुरुआत
इस सवाल पर प्रीति ने बताया की हमने मिलकर कोरोना काल में काम किया था तो कट्स सेवा संस्थान ने सोचा क्यों का सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए कुछ शुरुआत की जाए. फिर इंदिरा रसोई योजना के बारे में सोचा. कट्स सेवा संस्थान से सरकार स्तर पर बात की गई और वहां हां होने के बाद 3 कैंटीन एक साथ शुरुआत की. इसका सारा काम हमने ही देखना शुरू किया. धीरे धीरे अन्य दिव्यांग भी जुड़ते चले गए. सफलता मिली तो इसको आगे बढ़ाया और आज 9 कैंटीन चला दे हैं जिसमें हम 20 दिव्यांग तो है ही जो शुरू से काम कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ आते हैं और काम करते है लेकिन हार्ड वर्क लगने के कारण नहीं होने से चले जाते हैं. अभी 9 कैंटीन में 50 कर्मचारी है हम इसमें 20 दिव्यांग है.
8 रुपए में देते हैं खाना
प्रीति तनेजा ने बताया कि 8 रुपए में एक हरी सब्जी, दाल, अचार और पांच चपाती देते हैं. इसमें सरकार की तरफ से प्रति थाली 17 रुपए सब्सिडी दी जाती है. सुबह 8:30 बजे से शुरुआत करते हैं जो 2 बजे तक चलता है. फिर शाम को 5 बजे शुरू करते हैं तो 9 बजे तक चलते हैं. प्रीति तनेजा ने आगे बताया कि सफलता पूर्वक हम इस रसोई का संचालन कर रहे हैं. जिससे अन्य राज्यों के लोग भी यहां देखने के लिए आ रहे हैं. ताकि वह अपने राज्य में ऐसी पहल कर सके. अगले माह में मध्य प्रदेश से कुछ टीम आने वाली है.
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