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Chief Architect Of Modern India Nehrus Progressive Ideas Led To Indias Social And Economic Progress Congress – पंडित नेहरू के प्रगतिवादी विचारों ने भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया: कांग्रेस



इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने नेहरू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस दौरान खरगे, सोनिया गांधी और वेणुगोपाल के अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे.

पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू एक सोच हैं – स्वतंत्रता की, प्रगति की, न्याय की. भारत माता को आज अपने ‘हिंद के जवाहर’ के इन्हीं मूल्यों की जरूरत है, एक विचारधारा की तरह, हर दिल में.”

खरगे ने एक पोस्ट में कहा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के प्रमुख वास्तुकार थे. उनके अनुसार, केवल वही लोकतांत्रिक संरचना भारत को एक साथ रख सकती है जो विभिन्न सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक प्रवृत्तियों को खुद को व्यक्त करने के लिए जगह देती हो. आज, जब हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शांति वन में एकत्र हो रहे हैं, हमें भारत के संविधान और हमारे लंबे समय से पोषित लोकतांत्रिक संस्थानों और सिद्धांतों व उनकी स्थायी विरासत को संरक्षित व सुरक्षित करना चाहिए.”

हिंदी में एक अन्य पोस्ट में, खरगे ने नेहरू के शब्दों को याद किया, जिन्होंने कहा था, “नागरिकता, देश की सेवा में होती है. भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले, आधुनिक भारत के निर्माता, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. उनके प्रगतिशील विचारों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया और हर पल देश की जनता को बिना किसी भेदभाव के, हमेशा देश को आगे रखकर, साथ मिलकर रहने के लिए प्रोत्साहित किया.”

जवाहरलाल नेहरू की 134वीं जयंती

नेहरू को उनकी 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नेहरू के सौम्य व्यक्तित्व को याद किया, जिन्होंने 20वीं सदी के भारत को निर्णायक रूप से आकार दिया. उन्होंने कहा, “जहां उनकी विरासत जीवित है और सदा हमारे इर्द-गिर्द गूंजती रहती है, वहीं स्वयंभू ‘विश्वगुरु’ और उनका ढिंढोरा पीटने वाले, नेहरू जी के महान योगदान को नकारने, नुकसान पहुंचाने, अपमानित करने और बदनाम करने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहते हैं.”

रमेश ने कहा, “आज जब देश पांच दिन बाद क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की जीत का इंतजार कर रहा है, तो आइए, हम क्रिकेटर नेहरू को याद करें. 12 और 13 सितंबर, 1953 को प्रधानमंत्री एकादश ने विभिन्न राज्यों में बाढ़ राहत के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति एकादश के खिलाफ दो दिवसीय मैच खेला था. नेहरू पूरे समय मैदान पर रहे तथा उन्होंने गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी की.”

उन्होंने कहा, “नेहरू ने खेल के दौरान कुछ मिनट के लिए रेडियो पर बोलने का समय निकाला. बाद में, उन्होंने नवंबर 1948 में वेस्टइंडीज और भारतीय क्रिकेट टीमों द्वारा उन्हें प्रस्तुत क्रिकेट बैट और स्कोर बुक बेचने वाले नीलामीकर्ता के रूप में काम किया.”

रमेश ने उस समय की एक खबर का हवाला देते हुए याद किया, “सौभाग्य से, इन मौकों पर उन्होंने हिंदी में जो कुछ कहा, वो भावी पीढ़ी के लिए कैद हो गया. वे आज भी अद्भुत हैं.”



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