Chhattisgarh Road Accident Tendupatta Laborer 18 Women Died 4 Injured – छत्तीसगढ़ में बड़ा सड़क हादसा : तेंदू पत्ता तोड़ने गई थीं राष्ट्रपति की 18 दत्तक बेटियां, लौटीं लाशें
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है.
घटना पर राष्ट्रपति ने जताया शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 आदिवासियों के मौत पर दुख जताया है. उन्होने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है. इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 20, 2024
सड़क हादसा अत्यंत पीड़ादायक: PM मोदी
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुआ सड़क हादसा अत्यंत पीड़ादायक है. इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है.
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुआ सड़क हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है।
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2024
हादसे में मृतकों के नाम
जानकारी के अनुसार हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हुई है. बिस्मत बाई (45 वर्ष), लीला बाई (35 वर्ष), परसदिया बाई (30 वर्ष), भारती (15 वर्ष), सुंती बाई (45 वर्ष), मिला बाई (48 वर्ष), टिकू बाई (40 वर्ष), सिरदारी बाई (45 वर्ष), जमिया बाई (35 वर्ष), मुंगिया बाई (60 वर्ष), झमलो बाई (62 वर्ष), सिया बाई (50 वर्ष), किरण (15 वर्ष), पटोरिन बाई (35 वर्ष) धनईया बाई (48 वर्ष), शांति बाई (35 वर्ष) प्यारी बाई (40 वर्ष), सोनम (16 वर्ष) की मौत हो चुकी हैं. चार अन्य गंभीर रूप से घायल है.
बैगा जनजाति को सरकार की तरफ से किया जा रहा है संरक्षित
बैगा जनजाति की आबादी लगातार कम होने के कारण सरकार की तरफ से उन्हें संरक्षित किया जा रहा है. देश के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और उत्तर प्रदेश में यह जनजाति पाई जाती है. मध्य प्रदेश के मंडला, डिंडोरी, और बालाघाट ज़िलों में बैगा लोगों की बड़ी आबादी रहती है.
माना जाता है कि बैगा शब्द की उत्पत्ति हिन्दी शब्द वैद्य से हुई है जिसका मतलब चिकित्सक होता है. बैगा जनजाति के लोग परंपरागत रूप से अर्ध-खानाबदोश जीवन जीते थे और काटने और जलाने का काम करते थे. बैगा जनजाति को मध्य भारत के जंगलों के पेड़-पौधों से औषधियां बनाने और इलाज करने में माहिर माना जाता है.
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