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Chhattisgarh News This Youth From Naxalgarh Heartbeat Is Slowing Down Pleading For Help Ann


Bastar News: जिस गांव में बिजली पहुंचने में आजादी के बाद 75 साल लग गए बस्तर के उस धुर नक्सल प्रभावित चांदामेटा से निकलकर राजधानी में बीटेक की परीक्षा पास कर नौकरी करने वाले जुगल किशोर कोर्राम को डीएसीएम (डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी) की बीमारी ने घेर लिया है. इस बीमारी से उसके दिल की धडकऩ धीमी हो रही है. कभी इलाके के लोगों के लिए मिसाल बनने वाला जुगल स्वास्थ्यगत बीमारी की वजह से वापस चांदामेटा में आकर परिवार के साथ खेती करने न केवल मजबूर है बल्कि उसके इलाज में परिवार की सारी जमापूंजी भी खत्म हो गई है. अब आलम यह है कि पुरखों की जमीन भी परिवार बेटे के इलाज के लिए बेचने को तैयार है.

बीटेक किया है नक्सलगढ़ का युवा जुगल

बस्तर के नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव में रहने वाले जुगल हथियार नहीं थामा बल्कि कलम थामकर ऐसी इबारत लिखी की इलाके के 40 गांव के लोगों के लिए मिसाल बन गया. किसान परिवार के जुगल ने नक्सल प्रभावित कोलेंग से प्रारंभिक शिक्षा की. इसके बाद प्रयास से स्कूली शिक्षा करने के बाद रायपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की. गांव के लोग जुगल की कहानी से प्रेरणा लेने लगे, जिंदगी अच्छी चल रही थी. आईटी कंपनी में अच्छी जॉब भी लग रही थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. आज इस युवा की जुगल को हृदय की बीमारी हो गई है. इलाज महंगा था इसलिए सारी बचत की राशि खत्म हो गई और शरीर कमजोर होने लगा तो नौकरी भी छूट गई, ऐसे में अब बस्तर का यह नौजवान फिर से वापस गांव आ गया है और ईलाज के लिए परेशान हो रहा है.

क्या है डीसीएम बीमारी

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय के कक्ष फैल जाते हैं और सिकुडऩे की क्षमता खो देते हैं, यह अक्सर बाएं वेंट्रिकल (निचले कक्ष) में शुरू होता है. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, यह दाएं वेंट्रिकल और एट्रिया (शीर्ष कक्ष) तक फैल सकती है. इसकी वजह से हृदय की मांसपेशियों के ब्लड को पंप करने की क्षमता में कमी आने लगती है. इन स्थितियों में हार्ट फेलियर भी हो सकता है. इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवा के माध्यम से इसे नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है. इससे पीड़ित व्यक्ति को विशेषज्ञों की नियमित मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है.

कलेक्टर ने कहा हर संभव मदद की जाएगी

इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि उन्हें जुगल के बारे में जानकारी मिली है. ऐसे युवा की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि मैं खुद उस युवा से मिलकर उसके ईलाज के साथ क्या बेहतर सेवा दी जा सकती है इसका प्रयास करूंगा. ऐसे दुर्गम क्षेत्र के युवा के टैलेंट का क्या प्रयोग किया जा सकता है उसकी संभावनाएं भी तलाश की जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि  जुगल की  प्रतिभा को बर्बाद होने नहीं दिया जाएगा.

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