Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024 Bastar Seat Congress Candidate Kawasi Lakhma Cock fight ANN
Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. इसके लिए सभी प्रत्याशियों ने जोर शोर से चुनावी प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है. इस लोकसभा सीट से कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशी कवासी लखमा अपने चुनावी प्रचार के दौरान इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं.
अपने अनोखे अंदाज और बयानबाजी की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कवासी लखमा का मुर्गा लड़ाई कराते एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, मुर्गा लड़ाई आदिवासियों का पारंपरिक मनोरंजन है. चुनावी प्रचार के दौरान कवासी लखमा इस मुर्गा लड़ाई में पहुंचे और अपने मुर्गे को लड़ाया, जिसमें उनके मुर्गे ने बाजी मारी और लड़ाई जीत ली.
आमचो बस्तर #बस्तर_का_भरोसा_कांग्रेस #जीतेंगे_बस्तर #vote4bastar pic.twitter.com/XjZtAeL3nQ
— Kawasi Lakhma (@Kawasilakhma) March 31, 2024
कवासी लखमा की मुर्गे की जीत पर मौके पर मौजूद लोगों ने खूब तालियां बजाई. कवासी लखमा अपने चुनावी प्रचार के सिलसिले में बस्तर जिले के पुसपाल गांव पहुंचे हुए थे और यहां गांव में चल रहे मुर्गा लड़ाई में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने भी मुर्गा लड़ाया, जिसमें उनके मुर्गे ने बाजी मारी ली.
लखमा के मुर्गे ने मारी बाजी
आदिवासी अंचल बस्तर में मुर्गा लड़ाई आदिवासियों के मनोरंजन का केंद्र है. जिले के हर गांव में मुर्गा लड़ाई का आयोजन किया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि इस मुर्गा लड़ाई में चुनाव के हार जीत को लेकर भी दाव लगाए जाते हैं. एक तरफ पूरे देश में लोकसभा चुनाव में हार जीत को लेकर सियासी पठक का दौर जारी है. दूसरी तरफ अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर पूर्व मंत्री कवासी लखमा चुनावी प्रचार के बीच खुद मुर्गा लड़ाई कराते दिखाई पड़े.
कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी अंचलों में मुर्गा लड़ाई एक पारंपरिक खेल है. राजनीति से पहले और राजनीति के बाद भी वह मुर्गा लड़ाई कराने गांव में लगने वाले बाजारों में जाते थे. उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े होने की वजह से उन्हें आदिवासियों की हर पारंपरिक खेल की जानकारी है और बाकायदा खाली समय वे अपने गांव क्षेत्र में मुर्गा लड़ाई के खेल में शामिल होते आए हैं.
कोंटा विधायक कवासी लखमा ने कहा कि चुनावी प्रचार में जब वे पहुंचे तो यहां साप्ताहिक बाजार में मुर्गा लड़ाई का आयोजन चल रहा था. वह अपने आप को रोक नहीं पाए और सीधे मुर्गा लड़ाई के मैदान में चले गए. उन्होंने बताया कि वहां एक ग्रामीण के मुर्गे को पकड़कर उसे लड़ाई के मैदान में उतार दिया. इसमें लड़ाई में उनके मुर्गे ने जीत भी हासिल की.
‘डबल इंजन की सरकार से है कड़ा मुकाबला’
हालांकि कवासी लखमा ने कहा कि इस खेल को चुनाव के नतीजे से नहीं जोड़ा जा सकता है. यह एक खेल मात्र है और इस तरह के दांव लगते रहते हैं, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी के साथ उनका कड़ा मुकाबला है. उन्होंने कड़े मुकाबले की वजह राज्य और केंद्र में वर्तमान में बीजेपी की सरकार बताई.
लखमा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनका मुकाबला डबल इंजन की सरकार से है. बस्तर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लकमा ने अपनी जीत का दावा किया, लेकिन इस मुकाबले को कड़ा मुकाबला बताते हुए चुनाव प्रचार के लिए शेष बचे 17 दिन तक बस्तर लोकसभा क्षेत्र के हर गांव गांव तक और एक-एक ग्रामीण तक पहुंचने की लखमा ने दावाक किया.
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