Chhattisgarh High Court Said Unnatural Sex Act by Husband Without Wife Consent Not Offence
Chhattisgarh High Court News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पत्नी के साथ यौन संबंध के एक मामले को लेकर अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने सोमवार (10 फरवरी) को कहा कि किसी बालिग पत्नी के साथ सहमति के साथ या उसके बिना यौन संबंध बनाने के लिए पति पर रेप या अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप नहीं लगाया जा सकता है. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने कहा कि यौन संबंध बनाना या अप्राकृतिक यौन संबंध में पत्नी की ‘सहमति’ महत्वहीन है.
अप्राकृतिक यौन संबंध को लेकर हाई कोर्ट की टिप्पणी
‘लाइव लॉ’ के मुताबिक बेंच ने कहा, “यह स्पष्ट है कि अगर पत्नी की उम्र 15 वर्ष से कम नहीं है, तो पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किए गए किसी भी यौन कृत्य को इन परिस्थितियों में रेप नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए पत्नी की सहमति के अभाव का महत्व खत्म हो जाता है, इसलिए, इस अदालत का मानना है कि अपीलकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत अपराध नहीं बनता है.”
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि 11 दिसंबर 2017 की रात एक शख्स ने अपनी पत्नी के साथ उसकी इच्छा के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए. इसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. बाद में महिला की मौत हो गई. मृत्यु से पहले दिए गए अपने बयान में उसने कहा कि उस व्यक्ति ने उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए. बाद में, डॉक्टरों ने बताया कि महिला की मौत पेरिटोनिटिस और Rectal Perforation के कारण हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने माना कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के साथ यौन कृत्य बलात्कार नहीं है, अगर वह 15 वर्ष से कम उम्र की नहीं है. इसलिए, इसमें कहा गया है, किसी भी अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता है. हाई कोर्ट ने महिला के पति को सभी आरोपों से बरी कर दिया, जिसे ट्रायल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी.
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