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Chhattisgarh Health Department Malaria Outbreak Rainfall Bastar Medical Camp ANN | Malaria Outbreak


Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी हो रहे बारिश के साथ ही गांव गांव में मलेरिया का खतरा बढ़ गया है. लगातार पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, खासकर बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक में सबसे ज्यादा मलेरिया से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ विभाग के जांच में दरभा ब्लॉक में 150 से अधिक बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि 187 बच्चों में लक्षण देखे गए हैं. इधर मलेरिया मुक्त बस्तर बनाने के लिए बारिश के मौसम में भी लगातार स्वास्थ विभाग की टीम चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाकर जिले के गांव गांव तक पहुंच रही है. 

लगातार मलेरिया संक्रमित मरीजों के मिलने से उनका ईलाज भी कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मलेरिया को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता की कमी की वजह से बस्तर में मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है. इधर बस्तर जिले के साथ-साथ बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिले में भी मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है और इन जिलों में भी लगातार मलेरिया से संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि हो रही है.

8 आठवें चरण के अभियान में मिल रहे मरीज 
स्वास्थ विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. बी आर. पुजारी ने बताया कि बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए लगातार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाया जा रहा है. बस्तर जिले समेत अन्य 6 जिलों में चल रहे आठवें चरण के मलेरिया मुक्त भियान में बारिश के मौसम में मलेरिया से ग्रसित मरीजो की संख्या को देखते हुए लगातार गांव गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है. खासकर बस्तर जिले का दरभा ब्लॉक डेंजर जोन में है और यहां पर आठवें चरण के जांच में 300 पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हुई है.

जिले में कहीं भी मलेरिया से मौत नहीं हुई है
जिनमें बच्चो  की  संख्या  सबसे ज्यादा है, हालांकि स्वास्थ विभाग की टीम लगातार फीवर सर्वे और इनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर ईलाज कर रही है. मलेरिया पोजेटिव मरीजों को भी बेहतर ईलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. हालांकि अब तक इस साल जिले में कहीं भी मलेरिया से मौत नहीं हुई है, लेकिन पूरी तरह से सावधानी बरती जा रही है. संयुक्त संचालक ने बताया कि मलेरिया को लेकर जागरूकता की कमी की वजह से शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभाव पड़ा है, लेकिन लगातार पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट कर दिया गया है. स्वास्थ विभाग की टीम गांव गांव जाकर मलेरिया पीड़ित मरीजों का तुरंत ईलाज कर रही है. उन्होंने बताया कि विभाग के पास पर्याप्त दवाइयां है साथ ही मच्छरदानी भी वितरित किया जा रहा है और स्टाफ के द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

दरभा और किलेपाल बना डेंजर जोन
इधर पूरे जिले में मलेरिया अभियान के आखिरी चरण में 3 लाख 46 हजार  लोगों की घर-घर जाकर खून जांच की गई है. इनमें करीब 700 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले हैं. इनमें सबसे अधिक 300 मरीज दरभा ब्लॉक के  हैं जिले में दरभा और किलेपाल का एरिया  प्रमुख डेंजर जोन हैं. इसकी वजह इन क्षेत्रों के क्लाइमेट को माना जा रहा है, जहां एनोफिलीस मच्छरों के पनपने की अनुकूल दशायें हैं. इधर लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा ग्रामीणों को मलेरिया से बचने के लिए जागरूक करने की कवायद भी की जा रही है. जमे हुए पानी को साफ करने और हर घर में मच्छरदानी का उपयोग करने के लिए समझाइश दी जा रही है.

संयुक्त  संचालक का कहना है कि अच्छी बात यह है कि इस साल अभी तक मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ विभाग चिंतित है. मरीजों का बेहतर इलाज भी कर रही है और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया जा रहा है.

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