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Chhattisgarh Election 2023 Ban On Carrying More Than Rs 50 Thousand, These Documents Will Be Required To Avoid Action Ann


Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में आचार संहिता के पालन के लिए प्रशासनिक अमला मुस्तैद है, क्योंकि मतदान में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति 50 हजार से अधिक राशि लेकर जा रहे हैं और जिसमें ये साबित हो जाता है कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए इस राशि का उपयोग किया जाना है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. राशि जब्त हो सकती है. हालांकि चुनाव प्रलोभन प्रमाणित नहीं होता है तो संबंधित व्यक्ति की राशि को रिलीज कर दिया जाता है. यदि आप ज्यादा राशि लेकर जा रहे हैं तो चुनाव आचार संहिता के दौरान आपसे पूछताछ की जाएगी और नकदी के संबंध में आपको प्रमाण देने होंगे. निर्वाचन आयोग का कहना है कि आम लोगों और व्यापारियों को कैश ले जाने के कुछ रिकॉर्ड साथ में जरूर रखने चाहिए. जैसे कि ये पैसा किस लिए ले जाया जा रहा है और इसका सोर्स क्या है. रायगढ़ जिले में ऐसी कार्रवाई में अब तक करीब 65 लाख रुपये जब्त किए जा चुके है.

इन 3 दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत

चुनाव आयोग का कहना है कि आम लोगों और व्यापारियों को 50 हजार से अधिक कैश ले जाने पर तीन दस्तावेज साथ रखने होंगे. इसमें लीगल सोर्स और एंड यूज का प्रमाण शामिल है. इसके लिए उन्हें बैंक निकासी रसीद और व्यापारी की पावती या बिल्टी साथ रखनी चाहिए.

ये प्रमाण हैं जरूरी

  1. पहचान पत्र – कैश लेकर जा रहे व्यक्ति का पहचान पत्र और धन के लेन देन से उसके संबंध का प्रमाण देना होगा.
  2. कैश विड्रॉल का प्रूफ – जैसे बैंक निकासी की पर्ची या मेसेज, ताकि ये साबित हो सके कि कैश कहां से आ रहा है.
  3. यूज का प्रूफ – पैसा जहां भेजा जा रहा है, उसका प्रमाण ताकि ये साबित हो सके कि ये कैश किसे दिया जाएगा.

बड़े डिजिटल ट्रांजेक्शन पर भी नजर

चुनाव आयोग ने प्रदेश में विधानसभा प्रत्याशी के लिए चुनावी खर्च की सीमा अधिकतम 40 लाख रुपए तय कर रखी है. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को चुनावी खर्च का पूरा ब्योरा जिला स्तर पर गठित लेखा प्रकोष्ठ की कमेटी को देना होगा. दूसरी तरफ किसी भी यूपीआई आधारित पेमेंट ऐप से रोजाना पचास हजार रुपए का ट्रांजेक्शन हो सकता है. इससे बड़े ट्रांजेक्शन पर पैन कार्ड की जानकारी देना जरूरी है. बैंक खाते से मोबाइल नंबर जुड़ा होने पर महज मोबाइल नंबर देकर ही किसी से भी पैसे प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में चुनाव में ऐसे प्रकरण सामने आने पर प्रशासन के लिए ऐसे प्रलोभन रोकना पेचीदा हो सकता है. हालांकि प्रशासन ऐसे बड़े डिजिटल पेमेंट पर विशेष नजर रख रहा है.

कार्रवाई की होती है वीडियोग्राफी

यदि राशि के संबंध में कोई सूचना मिलती है तो वाहन या संबंधित व्यक्ति की तलाशी ली जा सकेगी और प्रभारी अधिकारी की ओर से तलाशी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ली जाएगी. जांच के दौरान यदि अभ्यर्थी उसके एजेंट या पार्टी कार्यकर्ता को ले जाने वाले किसी वाहन में 50 हजार से अधिक राशि नकदी पाई जाती है और चुनाव में प्रलोभन की बात प्रमाणित होती है. तो ये जब्त किए जाने की शर्त में शामिल होगा. इस संपूर्ण कार्रवाई को वीडियो सीसीटीवी में कैद किया जाएगा.

कोरोना काल के बाद बढ़ा है चलन

2018 के विधानसभा चुनाव तक नकदी का ही चलन था. ऑनलाइन बेकिंग भी व्यापारिक वर्ग या नौकरी पेशा लोगों तक ही सीमित था. कोरोना के बाद मोबाइल पेमेंट तेजी से बढ़ा है. अब रेहड़ी और पान दुकानदार भी ऐप से पेमेंट ले रहे हैं. करीब 70 फीसदी एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स अब डिजिटल पेमेंट ऐप का यूज करते हैं.

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