Chhath Puja 2023 Devotees Give Araghya To Rising Sun In Gorakhpur Ann
Chhath Puja 2023: गोरखपुर (Gorakhpur) में सूर्य देव की उपासना का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2023) बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर 36 घंटे बाद व्रती महिलाओं ने पारण किया. इस दौरान यहां के राजघाट, राप्ती नदी के रामघाट, गोरखनाथ घाट, मानसरोवर, गोरखनाथ मंदिर के भीम सरोवर, तारामंडल मीरपुर राप्ती नदी जंगल बाकी सहित सभी घाटों, मोहल्लों और घरों पर व्रतियों-श्रद्धालुओं की ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.
घाट पर दिखा मेले जैसा नजारा
छठ महापर्व के समापन के मौके पर सभी तालाबों-नदियों पर मेले की तरह नजारा देखने को मिला. जहां चारों तरफ श्रद्धा और भक्ति में लोग लीन दिखे. महापर्व छठ पूजा के समापन के अवसर पर तालाब घाटों में उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सुबह 3 बजे से ही तालाब, नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी. जहां कोसी भरने के लिए रात भर नदी तट पर जमी रहीं महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था.
घाट पर तैनात रही NDRF-SDRF
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, गोताखोर, पुलिस के जवान लगातार नदी और घाटों पर निगरानी बनाए रहे. इस दौरान एडीजी जोन अखिल कुमार, आईजी रेंज जे. रविंद्र गौड़, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल समेत तमाम अधिकारियों ने निगरानी रखी. घाटों पर महिलाओं ने परंपराओं के अनुसार व्रत पारण किया, श्रद्धालु पैदल चलते हुए नंगे पैर तालाब घाटों पर पहुंचे और उगते सूरज को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की गई.
संतान की सुख समृद्धि के लिए होता है व्रत
छठ का ये पर्व संतान की सुख समृद्धि, अच्छे सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है. साथ ही यह व्रत पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की कामना के लिए भी रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है. साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है.
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