Chandrayaan 3 Launch Moon Mission Soft Landing 14 July 2023 Satish Dhawan Space Centre Shriharikota
Chandrayaan 3 Launch: भारत एक बार फिर चंद्रयान-3 मिशन के जरिए अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार है. भारत का चांद पर यह तीसरा मिशन है. चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब भारत इसे लॉन्च करने जा रहा है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है. आइए जानते हैं कि भारत के इन तीन मून मिशन की क्या खासियत है:-
चंद्र मिशन की शुरुआत कैसे हुई
चंद्रयान-1 को लेकर इतिहास के पन्नों में 22 अक्टूबर का दिन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर माना जाता है. 22 अक्टूबर 2008 को भारत ने अपना पहला चंद्र अभियान यानी मून मिशन शुरू किया था. कई दिन की बारिश और मौसम खराब होने के बाद आखिरकार भारत ने श्रीहरिकोटा में साल 2008 की 22 अक्टूबर की तारीख को चंद्रयान मिशन-1 लॉन्च किया था.
चंद्रयान-1 को पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल यानी पीएसएलवी-सी 11 रॉकेट के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-1 पृथ्वी की कक्षा से परे भारत का पहला अंतरिक्ष यान मिशन था. चंद्रयान-1 ने जितनी कम ऊंचाई पर से चंद्रमा के फेरे लगाए थे, उतनी कम ऊंचाई पर उससे पहले किसी दूसरे देश के अंतरिक्ष यान ने उसकी परिक्रमा नहीं की थी.
2019 में चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को 22 जुलाई 2019 को GSLV एमके III-एम1 प्रक्षेपण रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. इसके बाद 20 अगस्त, 2019 को चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ था. इस मिशन के तहत लैंडर विक्रम 2 सितंबर 2019 को ऑर्बिटर से अलग हो गया था, जिसके बाद 7 सितंबर 2019 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की गई थी. हालांकि 47 दिनों की यात्रा के बाद लैंडर विक्रम चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर दूर था तो इसरो से उसका संपर्क टूट गया था. बाद में इसरो ने जानकारी दी थी कि ऑर्बिटर से मिली तस्वीर से आभास होता है कि विक्रम लैंडर की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई. चंद्रयान-2 ने पहली बार चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी की पहचान कर दुनिया में भारत को एक गौरवशाली दर्जा दिलाया था.
चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य
चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग की बात की जाए तो अब 14 जुलाई 2023 को यह मिशन लॉन्च होने जा रहा है, जिसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान लैंडर और एक रोवर को लेकर जाएगा और यह उन्हें चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा. चंद्रयान-3 मिशन के तहत उपकरणों को दो कैटेगरी में रखा गया है. लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक उपकरणों को ‘चंद्रमा का विज्ञान’ विषय में रखा गया है तो वहीं प्रायोगिक उपकरण चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेंगे. इसे ‘चंद्रमा से विज्ञान’ विषय में रखा जाएगा.
मिशन के उद्देश्य की अगर बात की जाए तो इसमें तीन प्रमुख बातें शामिल हैं. सबसे पहला यही है कि चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना है, दूसरा रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और तीसरा वैज्ञानिक प्रयोग करना है.
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