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Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान 3 की बुधवार (23 अगस्त) की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होनी है. इसको कुछ ही घंटे रह गए हैं. इसी बीच कांग्रेस ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत फरवरी 1962 में हुई थी. 

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ”भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत 23 फरवरी, 1962 को आईएनसीवोएसपीएआर (INCOSPAR-Indian National Committee for Space Research) के साथ हुई थी.  होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई की इस दूरदर्शिता के साथ-साथ नेहरू के समर्थन के लिए धन्यवाद.”

उन्होंने आगे कहा, ”समिति में देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिक शामिल थे. ये लोग सहयोग और टीम वर्क की भावना से एक साथ आए थे. ” बता दें कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब होने के बाद भारत, चीन, अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा. 

चंद्रयान-3 को कब भेजा गया?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 14 जुलाई तो एलवीएम-3 एम-4 व्हीकल के माध्यम से चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचाया गया. चंद्रयान-3 ने नियत कक्षा में अपनी यात्रा शुरू की. आज शाम यानी बुधवार (23 अगस्त) की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिग की संभावना है. 

इसरो ने क्या कहा?
इसरो ने मंगलवार को लैंडर पर मौजूद कैमरों द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें साझा कीं और कहा, ‘‘अभियान तय समय के मुताबिक चल रहा है. सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है. चंद्रयान-3 सुगमता से लगातार आगे बढ़ रहा है. ‘मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स’ (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा है.’’

इनपुट भाषा से भी.

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