Chandigarh Mayor Election AAP Candidate Prem Lata and BJP Candidate Harpreet Kaur Babla will contest
Chandigarh Mayor Election: आम आदमी पार्टी (AAP) ने शनिवार (25 जनवरी) को अपनी पार्षद प्रेम लता को चंडीगढ़ के महापौर पद के लिए पार्टी उम्मीदवार घोषित किया. शहर में 30 जनवरी को महापौर पद पर चुनाव होना है. लता का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की हरप्रीत कौर बाबला से है. वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पदों के लिए भी मतदान अगले सप्ताह होगा. आम आदमी पार्टी ने महापौर चुनाव के लिए कांग्रेस से हाथ मिला लिया है.
आम आदमी पार्टी ने महापौर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारा है, जबकि कांग्रेस ने वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के पदों के लिए क्रमश: जसबीर सिंह बंटी और तरुणा मेहता को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने वरिष्ठ उप महापौर पद के लिए बिमला दुबे और उप महापौर पद के लिए लखबीर सिंह बिल्लू को मैदान में उतारा है. तीनों पार्टियों के सभी छह उम्मीदवारों ने शनिवार को यहां अपना नामांकन दाखिल किया.
चंडीगढ़ नगर निगम के मौजूदा महापौर कुलदीप कुमार आम आदमी पार्टी से हैं. सदन में आप के 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के सात और बीजेपी के 15 पार्षद हैं. पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी को सदन के पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार प्राप्त है. चंडीगढ़ में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने महापौर चुनाव के लिए कांग्रेस और आप के बीच हुए गठबंधन को अपवित्र करार दिया.
बीजेपी नेता ने आप-कांग्रेस पर बोला हमला
अरुण सूद ने मीडिया से कहा कि दिल्ली और पंजाब में इन दोनों पार्टियों के बीच मतभेद हैं, लेकिन यहां वे तथाकथित गठबंधन की बात करते हैं. पिछले साल 20 फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने आप के कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का नया महापौर घोषित किया था. अदालत ने 30 जनवरी को हुए महापौर चुनाव के नतीजे को पलट दिया था, जिसमें बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर विजयी हुए थे.
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यह आदेश आप द्वारा शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने के बाद आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मतदान के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई थी. इस साल 24 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर विचार किया था कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ हों. शीर्ष अदालत ने सुनवाई 27 जनवरी के लिए निर्धारित की है और संकेत दिया है कि वह चुनावों के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकती है.