CEC Gyanesh Kumar appointment Controversy congress objections Supreme court hearing
CEC Gyanesh Kumar: देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. इस पद के लिए ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लग चुकी हैं लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि यह नियुक्ति रद्द हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और बुधवार (19 फरवरी) को इस पर सुनवाई होनी है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में सोमवार को ज्ञानेश कुमार का नाम CEC के लिए तय हुआ था. तीन सदस्यीय बैठक में पीएम मोदी के साथ ही अमित शहा और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी थे. राहुल गांधी ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के लंबित होने का हवाला देते हुए बैठक का विरोध किया लेकिन इसके बावजूद ज्ञानेश कुमार का नाम फाइनल कर दिया गया. इसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने उनके नाम का ऐलान भी कर दिया.
कांग्रेस की आपत्ति
सोमवार को नए CEC के तौर पर ज्ञानेश कुमार का नाम तय होने के ठीक बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस नियुक्ति पर आपत्ति उठाई. कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बाकी है तो इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए था.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी ‘एक्स’ पर लिखा, ‘सरकार ने आधी रात को जल्दबाजी में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है. यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है. पहले सरकार ने संशोधित कानून के जरिए चीफ जस्टिस को सीईसी चयन समिति से हटा दिया और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार भी नहीं किया. यह गलत है.’
सुप्रीम कोर्ट में क्यों गया मामला?
मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए पहले तीन सदस्यीय समिति में देश के प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होते थे. यानी समिति में संतुलन रहता था. साल 2023 में केंद्र सरकार ने इस मामले में नया कानून पास कर चीफ जस्टिस को समिति से बाहर कर दिया. एक याचिका में इसी कानून को चुनौती दी गई है. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करनी है. याचिकाकर्ता का कहना है कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन समिति में चीफ जस्टिस को होना ही चाहिए.
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