CBSE School Admission Big News New Age Limit For Admission In Class 1parents Upsets – CBSE स्कूल एडमिशन की बड़ी खबर, कक्षा 1 में दाखिले की New Age Limit ने पैरेंट्स को किया परेशान, जानें पूरी बात
नई दिल्ली:
CBSE School Admission:सीबीएसई बोर्ड यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एक राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड है, जिसके देश में 24 हजार से भी अधिक स्कूल है. हर साल इस बोर्ड से लाखों बच्चे सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा देते हैं. फिलहाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होने जारी रही हैं और सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2024 का इंतजार शुरू. सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं 2024 और सीबीएसई रिजल्ट 2024 के बीच का यह समय पहली कक्षा से एडमिशन का भी होता है. ताजा अपडेट में हैदराबाद में सीबीएसई स्कूलों में बच्चों के एडमिशन को लेकर हंगामा मचा हुआ है. दरअसल हैदराबाद में सीबीएसई स्कूलों ने कक्षा 1 में दाखिले के लिए नई सीमा के नियम को लागू करने के साथ एडमिशन फीस बढ़ा दी है, जिसे लेकर अभिभावक भ्रमित हैं. ऐसा इसलिए है कि क्योंकि राज्य में स्कूल फीस पर कोई विनियमन नहीं है.
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सीबीएसई स्कूलों के अधिकारियों ने प्रवेश शुल्क में 10% की वृद्धि के साथ-साथ कक्षा I में प्रवेश के लिए नई आयु सीमा नियम लागू किया है. तिरुपति रेड्डी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ स्कूलों में प्रवेश शुल्क में 10-30% की बढ़ोतरी की गई है, जिसमें कक्षा I के लिए 70,000 रुपये से 80,000 रुपये तक की फीस है. हैदराबाद में सीबीएसई और राज्य बोर्ड ( एसएससी ) के स्कूलों के बीच आयु सीमा में विसंगति है. सीबीएसई ने एसएससी के लिए पांच की तुलना में कक्षा I के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की है.
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हैदराबाद के अभिभावकों का तर्क है कि सीबीएसई स्कूलों में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए छह साल की आयु सीमा कोई नया नियम नहीं है, लेकिन स्कूलों द्वारा इसे हाल ही में लागू किया गया है. पैरेंट्स का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड और एसएससी के स्कूलों में आयु सीमा का नियम एक सा होना चाहिए. पैरेंट्स ने शिक्षा विभाग से इस मुद्दे का तुरंत समाधान करने का आग्रह करते हैं.
द पायनियर की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कहा कि अधिकांश निजी स्कूल, विशेष रूप से सीबीएसई बोर्ड वाले स्कूल नवंबर या दिसंबर तक प्रवेश पूरा कर लेते हैं और बाद के लिए संभावना काफी कम बचती है. पैरेंट्स के लाख विरोध और शिकायतों के बावजूद, फीस को लेकर कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं हुआ है.