CBSE Class 11th, 12th Exam Format Changed New Rules Will Be Implemented From The Academic Session 2024-25 Board Officials Said – CBSE कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में होगा बदलाव, शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगा नया नियम, बोर्ड अधिकारियों ने बताया
नई दिल्ली:
CBSE Class 11th, 12th Exam Format Changed: इस साल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं हो चुकी हैं और अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 38 लाख छात्र-छात्राओं को अपने सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2024 का इंतजार है. बोर्ड रिजल्ट की तारीखों के बीच सीबीएसई बोर्ड ने पिछले दिनों कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में बदलाव की घोषणा की. सीबीएसई ने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में एफिशिएंसी बेस्ड प्रश्नों की संख्या ज्यादा होगी. सीबीएसई कक्षा 11वीं, 12वीं परीक्षा में मल्टीपल च्वाइस प्रश्न अब 50 प्रतिशत होंगे. जबकि शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले प्रश्नों की संख्या कम होगी. बोर्ड ने कहा कि यह बदलाव केवल सीबीएसई 11वीं, 12वीं कक्षा के परीक्षा के प्रारूप में होगा. 9वीं और 10वीं की कक्षाओं के परीक्षा प्रारूप ज्यों का त्यों रहेगा. अप्रैल के पहले हफ्ते में परीक्षा के प्रारूप में बदलाव की घोषणा करने वाले सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से 11वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में दक्षता आधारित (Efficiency Based) प्रश्न अधिक संख्या में शामिल होंगे. अधिकारियों ने कहा कि इसका उद्देश्य पता यह लगाना है कि विद्यार्थी वास्तविक जीवन में इन अवधारणा को कितना समझ पा रहे हैं.
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बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि इस सत्र से सीबीएसई कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में बहुविकल्पिय प्रश्न (MCQ), केस बेस्ड प्रश्न, सोर्स बेस्ड इंटिग्रेटेड प्रश्न या दूसरे तरह के एफिशिएंसी बेस्ड प्रश्नों का प्रतिशत 40 से बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं शॉर्ट और लॉन्ग आंसर सहित अन्य प्रश्नों का प्रतिशत 40 से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. सीबीएसई अकादमिक के निदेशक जोसेफ इमैनुअल ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार बोर्ड ने स्कूलों में दक्षता आधारित शिक्षा के कार्यान्वयन की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें दक्षता के आधार पर मूल्यांकन और शिक्षकों तथा छात्रों के लिए अनुकरणीय संसाधनों का विकास शामिल है.”
रट्टू तोता नहीं बनेंगे स्टूडेंट
जोसेफ इमैनुअल ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड एक ऐसा शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसका उद्देश्य रटने के विपरीत सीखने पर जोर देते हुए छात्रों की रचनात्मक सोच क्षमताओं को विकसित करना है ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों से निपट सकें. इमैनुअल ने कहा कि बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए मूल्यांकन अभ्यास को एनईपी-2020 के साथ संरेखित करने के मद्देनजर आगे बढ़ रहा है.